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जैनेट येलेन का 'U-टर्न' और फेड का रुख, अमेरिकी बाजारों को झटका दे गया

बाजार को पॉवेल से उम्मीद थी कि वो ब्याज दरों का 'Puase' बटन को दबाने का हल्का सा इशारा तो जरूर करेंगे, इसके उलट उन्होंने महंगाई को ज्यादा बड़ी समस्या बता दिया.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी03:27 PM IST, 23 Mar 2023NDTV Profit हिंदी
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US Fed Rate Hike: बुधवार को फेड की पॉलिसी से पहले अमेरिकी बाजार अच्छी मजबूती के साथ काम कर रहे थे, डाओ जोंस करीब 250 अंकों की तेजी के साथ 32700 के ऊपर ट्रेड कर रहा था, लेकिन फेड की पॉलिसी आने के बाद ये 530 अंक टूटकर बंद हुआ, जबकि ब्याज दरों में बढ़ोतरी बाजार की उम्मीदों के मुताबिक ही थी, तो फिर बाजारों में गिरावट की वजह क्या रही.

इन दो कारणों से गिर पड़े अमेरिकी बाजार

अमेरिकी बाजार कल अच्छी तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि अचानक ही घुटनों पर बैठ गए, इस दो वजहें थीं-

पहली - फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की कमेंट्री, जिसमें उन्होंने जरूरत पड़ने पर आगे भी दरों में बढ़ोतरी के साफ संकेत दिए गए, भले ही उनकी टोन पहले के मुकाबले सख्त नहीं थी, साथ ही उन्होंने बैंकिंग संकट के मुकाबले महंगाई के खतरे को ज्यादा तवज्जो दी.

दूसरी- अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी जैनेट येलेन का संसद में दिया गया वो बयान जो उन्होंने ठीक उस दौरान दिया, जब फेड चेयरमैन पॉलिसी को लेकर ऐलान कर चुके थे और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. तब जैनेट येलेन संसद में अमेरिका के बैंकिंग संकट पर सवालों के जवाब दे रहीं थीं.

'कोई यूनिवर्सल इंश्योरेंस योजना पर काम नहीं कर रहे'

संसद में उनसे सवाल पूछा गया कि अमेरिकी डिपॉजिटर्स की सुरक्षा के लिए क्या संसद की मंजूरी की जरूरत होगी, इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि 'रेगुलेटर्स बैंकों के डिपॉजिट के लिए कोई 'यूनिवर्सल इंश्योरेंस योजना' लाने पर काम नहीं कर रहे हैं, मैंने यूनिवर्सल बीमा या डिपॉजिट की गारंटी से संबंधित किसी भी चीज पर विचार या चर्चा नहीं की है.'

जैनेट येलेन का अपने पिछले बयान से यू-टर्न बाजार की उम्मीदों के लिए काफी बड़ा झटका था, क्योंकि इसके दो दिन पहले उन्होंने कहा था कि छोटे-मझोले सभी बैंकों के डिपॉजिट सुरक्षित हैं और डिपॉजिटर्स को घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा था कि 'अगर छोटे बैंकों पर कोई संकट आता है तो अमेरिकी सरकार डिपॉजिटर्स की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाने को तैयार है.'

इस आश्वासन के दम पर तब अमेरिका में बैंकिंग शेयरों में अच्छी रैली भी देखने को मिली थी.

'बीमा की लिमिट बढ़ाने का सही वक्त नहीं'

ब्लूमबर्ग ने तब अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अगर बैंकिंग संकट बढ़ा तो जैनेट येलेन बिना संसद की मंजूरी के ही अस्थायी रूप से 2.5 लाख डॉलर के फेडरल इंश्योरेंस सीमा को बढ़ाने पर भी विचार कर रही है, इसी के बाद संसद में ये सवाल पूछा गया. संसद में जैनेट येलेन ने कहा कि 'हम इसके बारे में नहीं सोच रहे हैं, सीमा को बढ़ाने का फैसला करने के लिए ये सही वक्त नहीं है.'

येलेन के इस बयान की बाजार उम्मीद नहीं कर रहा था, इसके बाद अमेरिकी बैंक इंडेक्स करीब 4% तक टूट गए.जैनेट येलेन का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब येलेन और फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल दोनों मिलकर बैंकिंग संकट को संभालने की कोशिश कर रहे हैं, और दोनों के ही ताजा बयान बाजार पचा नहीं पाया.

बाजार को जेरोम पॉवेल से उम्मीद थी कि वो ब्याज दरों का 'Pause' बटन को दबाने का हल्का सा इशारा तो जरूर करेंगे, इसके उलट उन्होंने महंगाई को ज्यादा बड़ी समस्या बता दिया, और ये भी कह दिया की आगे भी दरें बढ़ेंगी.

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