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महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश, एक तिहाई सीटें होंगी आरक्षित

लोकसभा में मंगलवार को महिला आरक्षण बिल, 2023 पेश किया गया. इस बिल का मकसद लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में कुल सीटों में से एक तिहाई को महिलाओं के लिए आरक्षित करना है.
BQP HindiBQ डेस्क
BQP Hindi04:42 PM IST, 19 Sep 2023BQP Hindi
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लोकसभा में मंगलवार को महिला आरक्षण बिल, 2023 (Women Reservation Bill) पेश किया गया. इस बिल का मकसद लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में कुल सीटों में से एक तिहाई को महिलाओं के लिए आरक्षित करना है. इनमें से एक तिहाई सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से आने वाली महिलाओं के लिए होंगी. इन सीटों को 15 साल के लिए आरक्षित किया जाएगा. सरकार की तरफ से इस बिल को 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' नाम दिया गया है.

परिसीमन के बाद लागू होंगे बिल के प्रावधान

सीटों को रोटेशन के आधार पर आरक्षित किया जाएगा. बिल पास होने के बाद परिसीमन पूरे होने के बाद ही प्रावधानों को लागू किया जा सकेगा. परिसीमन, बिल पास होने के बाद की गई पहली जनगणना में इकट्ठा किए गए आंकड़ों पर आधारित होगा.

बिल को सोमवार को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी. इससे पहले साल 2008 में राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश किया गया था. और 2010 में वहां से ये पास हो गया था. लेकिन इसे लोकसभा से पारित नहीं कराया जा सका था.

PM मोदी ने सांसदों से इस बिल को पास कराने की अपील की

PM मोदी ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान सभी सांसदों से इस बिल को पास कराने की अपील की. PM मोदी ने कहा कि 'आज हमारी सरकार एक प्रमुख संविधान संशोधन विधेयक पेश कर रही है. 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा. दोनों सदन के सभी सांसदों से मैं इस बिल को सर्वसम्मति से पारित करने का निवेदन करता हूं. महिला आरक्षण बिल का सपना कई साल से अधूरा है. अटल जी की सरकार के वक्त इसे पास कराने के लिए जरूरी आंकड़े हासिल नहीं हो पाए थे.

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लेखकBQ डेस्क
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