ADVERTISEMENT

'व्हॉट्सएप भारत छोड़कर चला जाएगा अगर...' फेसबुक ने हाई कोर्ट में नए IT नियमों पर कहा

केंद्र सरकार का तर्क है कि हम जो नियम लेकर आए हैं, उसके पीछे का विचार ये है कि हम उस पहले व्यक्ति को पकड़ सकें, जिसने ऐसा कोई मैसेज फैलाया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी01:06 PM IST, 26 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

'अगर हमें व्हॉट्सएप मैसेज के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए दबाव डाला गया तो, व्हाट्सएप यहां से चला जाएगा. ये बात किसी और ने नहीं बल्कि मेटा (पहले फेसबुक) ने IT नियमों को चुनौती देने वाले एक मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट में कही है.

नए IT नियमों के खिलाफ HC में बहस 

व्हॉट्सएप और फेसबुक ने इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी नियम, 2021 के नियम 4(2) को चुनौती दी है. व्हॉट्सएप की ओर से दलील रख रहे वकील तेजस करिया ने कहा कि लोग इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि वो इसकी गोपनीयता पर भरोसा करते हैं, क्योंकि इस पर भेजे जाने वाले मैसेज एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं.

लेकिन नए IT नियम के मुताबिक खास तौर पर मैसेजिंग सेवाएं देने वाली सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज अपने कंप्यूटर रिसोर्स पर जानकारी के पहले पहले ओरिजनेटर (यानी पहली बार जिसने मैसेज भेजा) उसकी पहचान करने में सक्षम होगा, और ऐसा कोर्ट या किसी सक्षम अथॉरिटी की ओर से जारी न्यायिक आदेश के लिए जरूरी हो सकता है.

हमसे एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए कहा जाएगा तो...

बार एंड बेंच की रिपोर्ट कहती है कि व्हॉट्सएप के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि 'एक प्लेटफॉर्म के रूप में अगर हमसे एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए कहा जाएगा तो व्हॉट्सएप यहां रुकेगा नहीं.'

वकील ने कहा कि ये नियम यूजर्स की गोपनीयता के खिलाफ थे और इसे बिना सलाह-मशवरा किए ही लाया गया था. वकील ने कहा कि इस नियम के लिए व्हॉट्सएप को लाखों संदेशों को कई वर्षों तक स्टोर करके रखने की जरूरत होगी, ये एक ऐसी चीज है, जो दुनिया में कहीं नहीं होती है.

व्हॉट्सएप की कोर्ट में दलील

  • अगर हमसे एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए कहा जाएगा तो व्हॉट्सएप यहां रुकेगा नहीं

  • ये नियम यूजर्स की गोपनीयता के खिलाफ थे, इसे बिना सलाह परामर्श लाया गया

  • व्हॉट्सएप को लाखों संदेशों को कई वर्षों तक स्टोर करके रखने की जरूरत होगी

  • ऐसा कानून दुनिया में कहीं नहीं, यहां तक की ब्राजील में भी मौजूद नहीं है

व्हॉट्सएप के पैरवी कर रहे वकील तेजस करिया ने कहा कि मूल इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट एन्क्रिप्शन को तोड़ने का प्रावधान नहीं करता है. इसके बाद पीठ ने पूछा कि क्या ऐसा कानून दुनिया में कहीं और मौजूद है. "क्या ये मामले दुनिया में कहीं भी उठाए गए हैं? आपसे कभी भी दुनिया में कहीं भी जानकारी साझा करने के लिए नहीं कहा गया? यहां तक ​​कि दक्षिण अमेरिका में भी?" तो व्हॉट्सएप के वकील ने कोर्ट को बताया कि ऐसा पूरी दुनिया में कहीं नहीं है यहां तक कि ब्राज़ील में भी नहीं.

केंद्र सरकार ने दिया फेसबुक को जवाब

इससे पहले, केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि व्हॉट्सएप और फेसबुक कमर्शियल उद्देश्यों के लिए यूजर्स की जानकारी से कमाई करते हैं और कानूनी तौर पर ये दावा करने के हकदार नहीं हैं कि वो गोपनीयता की रक्षा करते हैं. केंद्र ने इस बात पर जोर देकर कहा कि अगर अलग देशों के रेगुलेटर्स का मानना है कि फेसबुक को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए.

केंद्र सरकार तरफ से वकील कीर्तिमान सिंह ने तर्क दिया कि लोग जानते हैं कि सोशल मीडिया पर क्या-क्या हो सकता है, हम जो नियम लेकर आए हैं, उसके पीछे का विचार ये है कि हम उस पहले व्यक्ति को पकड़ सकें, जिसने ऐसा कोई मैसेज फैलाया है. उन्होंने कहा कि मैसेज का पता लगाने के लिए कुछ तरीका होना चाहिए, उन्होंने ये भी बताया कि व्हॉट्सएप को अमेरिकी कांग्रेस के सामने भी कुछ कठिन सवालों से गुजरना पड़ा है.

14 अगस्त तक सुनवाई टली

कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले को 14 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इन दोनों मामलों की सुनवाई उन मामलों के एक समूह के साथ की जाएगी जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था.

व्हॉट्सएप की याचिका का विरोध करते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि व्हॉट्सएप ने पहले ही भारत के यूजर्स को देश में किसी भी विवाद का हल निकालने के अधिकार से वंचित करके उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है. मंत्रालय ने कोर्ट से कहा कि अगर IT नियम 2021 लागू नहीं किया गया, तो कानूनी एजेंसियों को फर्जी मैसेजों की जड़ का पता लगाने में मुश्किल होगी और ऐसे संदेश बाकी प्लेटफॉर्म्स पर फैल जाएंगे. जिससे समाज में शांति और सद्भाव बिगड़ जाएगा.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT