सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) को फटकार लगाई है. कोर्ट ने सरकार से 'वन रैंक वन पेंशन' (OROP) योजना के तहत बकाये के भुगतान के लिए अगले हफ्ते तक रोडमैप मुहैया कराने को कहा है.
CJI डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने रक्षा मंत्रालय के हालिया कम्युनिकेशन पर नाराजगी जताते हुए इसे वापस लेने को कहा.
कोर्ट ने कहा कि एरियर को चार किस्तों में भुगतान करने का पत्र जारी कर आप कानून को हाथ में नहीं ले सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय से 20 जनवरी के पत्र को तुरंत वापस लेने को कहा है, जिसमें कहा गया था कि OROP के बकाए का भुगतान चार किस्तों में किया जाएगा.
इस मामले पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पूर्व सैनिकों को बकाया OROP की एक किस्त का भुगतान कर दिया है, लेकिन बकाया भुगतान पूरा करने के लिए कुछ और समय चाहिए.
बेंच ने कहा, 'हम चाहते हैं कि इसमें वर्गीकरण होना चाहिए और जिनकी उम्र ज्यादा है उन लोगों को पहले बकाया भुगतान किया जाना चाहिए. बेंच ने बताया कि मामला शुरू होने के बाद से अब तक चार लाख से अधिक पेंशनभोगियों की मृत्यु हो चुकी है.'
आपको बता दें , 27 फरवरी को पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने OROP के तहत सेवानिवृत्त सशस्त्र बल कर्मियों को बकाया भुगतान की समय सीमा को एकतरफा रूप से बढ़ाने के रक्षा मंत्रालय के फैसले पर आपत्ति जताई थी.
कोर्ट ने 9 जनवरी को OROP के कुल बकाये के भुगतान के लिए केंद्र को 15 मार्च तक का समय दिया था. लेकिन, 20 जनवरी को मंत्रालय ने एक प्रेस जारी की और कहा कि बकाया का भुगतान चार किस्तों में किया जाएगा.