पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर यानी एक छोटे से चिप को लेकर बड़ी लड़ाई चल रही है. सेमीकंडक्टर को लेकर दुनिया चीन और ताइवान जैसे देशों पर निर्भर है. एक ओर जहां चीन अमेरिका के प्रतिबंधों को झेल रहा है, भारत ने अमेरिका के साथ मिलकर सेमी-कंडक्टर इनोवेशन के लिए एक करार किया है.
आज India-USA कमर्शियल डायलॉग के दौरान भारत और अमेरिका के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग यानी समझौता ज्ञापन साइन किया है. ये समझौता सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन और इनोवेशन पार्टनरशिप को लेकर हुआ है. कॉमर्स मिनिस्ट्री ने इसकी जानकारी दी है.
ये MoU रिसर्च एंड डेवलपमेंट, टैलेंट और स्किल डेवलपमेंट में मदद करेगा. इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों को सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन और इनोवेशन में आगे ले जाना है. कई क्षेत्रों में दोनों सरकारों और बिजनेस कम्युनिटी के बीच अधिक सहयोग को बढ़ावा देने में मदद करेगा.
उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के बुलावे पर अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो भारत-अमेरिका CEO फोरम में भाग लेने के लिए दिल्ली आईं थीं. नए सिरे से बातचीत को शुरू करने के लिए 10 मार्च यानी आज की तारीख तय की गई थी.
इस MoU से भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को गति मिलेगी. CEO फोरम बैठक के लिए भारत के दौरे पर आई रायमोंडो ने गुरुवार को कहा था कि सेमीकंडक्टर के लिए दुनिया काफी हद तक ताइवान पर निर्भर है.
दरअसल, कई बड़ी अमेरिकी कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर पार्ट की सप्लाई चेन में नए अवसरों को तलाश रही हैं. सप्लाई चेन को सुरक्षित करने के लिए अमेरिका भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है.