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Monsoon Update: इस साल कैसा रहेगा मॉनसून और कहां बरसेंगे बादल, IMD से जानिए मौसम का हाल

IMD ने 2023 में 'सामान्य' दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के अपने पूर्वानुमान को बरकरार रखा है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी12:49 PM IST, 26 May 2023NDTV Profit हिंदी
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भारत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दौरान 96% बारिश होने की संभावना है. IMD ने 2023 में 'सामान्य' दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के अपने पूर्वानुमान को बरकरार रखा है. IMD ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि देशभर में मॉनसून के दौरान सामान्य बारिश होने की संभावना है.

मौसम विभाग ने कहा, 'उत्तर पूर्व भारत, मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य बारिश होने की संभावना है. वहीं, उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से कम (92%) बारिश होगी.'

IMD ने कहा, 'उत्तर-पश्चिम भारत और उससे सटे पश्चिम मध्य भारत के अधिकांश क्षेत्रों, प्रायद्वीपीय भारत के उत्तरी भागों और हिमालय की तलहटी में सामान्य से कम बारिश हो सकती है.

जून में सामान्य से कम बारिश

मौसम विभाग ने जून में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान जताया है. IMD ने कहा, 'जून में पूरे देश में औसत बारिश सामान्य से कम (LPA का <92%) होने की संभावना है.

अल नीनो का असर नहीं!

IMD के अनुसार, अल नीनो का मॉनसून पर बहुत असर नहीं पड़ेगा. इसलिए किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.

अप्रैल में, मौसम विभाग ने अल नीनो चिंताओं के बावजूद इस साल सामान्य मॉनसून की भविष्यवाणी की थी, जिसे IMD ने अब भी बरकरार रखा है.

मौसम विभाग ने जून, जुलाई और अगस्त के महीनों के दौरान अल नीनो के होने की 70% संभावना का अनुमान लगाया था.

बता दें कि 2001 और 2020 के बीच देश ने 7 'अल नीनो वर्ष' देखे हैं, जिनमें से चार वर्ष, 2003, 2005, 2009-10 और 2015-16 में अल नीनो के चलते कम बारिश हुई थी और परिणामस्वरूप सूखा पड़ा था.

क्या होता है अल नीनो?

अल नीनो मॉनसून को कमजोर करने वाली मौसम संबंधी एक परिघटना है. ये स्थिति तब बनती है, तब मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में समुद्र का तापमान सामान्य से ज्यादा हो जाता है. इस गर्मी के चलते वायुमंडलीय स्वरूप (Atmospheric Pattern) बदल जाता है, जिससे भारतीय उपमहाद्वीप में मॉनसून कमजोर हो जाता है.

अल नीनो का असर

मॉनसून पर अल नीनो के असर की बात करें तो 1951 के बाद से जब अल नीनो एक्टिव हुआ तो 60% कम बारिश होती है. हालांकि 'अल नीनो वर्ष' के दौरान 35-40% सामान्य बारिश भी देखी गई है. इसलिए मौसम ​वैज्ञानिक, अल नीनो को मॉनसून को प्रभावित करने वाला एकमात्र कारण नहीं बताते.

अल नीनो और मॉनसून में संबंध

अल नीनो और भारतीय मॉनसून की बारिश के बीच महत्वपूर्ण संबंध रहा है. जिस-जिस साल 'अल नीनो' की स्थिति बनी है, उस-उस साल भारतीय मॉनसून कमजोर पड़ा है और ये कम भरोसेमंद हो जाता है. हालांकि कुछेक 'अल नीनो वर्ष' के दौरान सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश भी देखी गई है.

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