बिजली की पीक डिमांड सीजन के दौरान बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने हाई प्राइस डे अहेड मार्केट (HP-DAM) और सरप्लस पावर पोर्टल- (PUSHP)की शुरुआत की है. ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने गुरुवार यानी 9 मार्च को दिल्ली में इसकी शुरुआत की.
केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने पीक डिमांड सीजन के दौरान कुछ श्रेणी के विक्रेताओं द्वारा 12 रुपये प्रति यूनिट की सीमा से अधिक कीमत पर बिजली की अधिक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक पोर्टल लॉन्च किया है. इससे पहले फरवरी में पावर रेगुलेटर CERC ने HP-DAM खंड को मंजूरी दी थी, जहां बिजली 50 रुपये प्रति यूनिट तक की कीमत पर बेची जा सकती है.
HP-DAM अटके हुए गैस और आयातित कोयला आधारित बिजली प्लांट्स को गर्मियों में पीक डिमांड को पूरा करने के लिए महंगी बिजली पैदा करने और बेचने में मदद करेगा, जो इस सीजन में 239 गीगावॉट तक पहुंचने की उम्मीद है. नए सेगमेंट में एक महंगी बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के जरिए बिजली की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगा.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अगर उत्पादन की लागत 12 रुपये से कम है, तो जेनरेटर को पावर एक्सचेंज के इंटीग्रेटेड डे अहेड मार्केट (I-DAAM) में केवल 12 रुपये की अधिकतम कीमत के साथ बिजली की दर तय करनी होगी.
उन्होंने केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और ग्रिड नियंत्रक को ये सुनिश्चित करने के लिए कहा कि HP-DAM में कीमतें उचित हैं और ये सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें कि कोई भी बिजली उत्पादक बहुत ज्यादा कीमत न वसूलें, जो उत्पादन की लागत से बहुत अधिक है.
बीते साल बिजली मंत्रालय ने इस बात पर ध्यान देने के बाद कि कुछ दिनों में बिजली एक्सचेंज में कीमतें 20 रुपये तक बढ़ गई थीं, CERC को एक्सचेंज पर 12 रुपये का कैप लगाने का निर्देश दिया था, ताकि कोई मुनाफाखोरी न हो. ये सीमा 1 अप्रैल, 2022 से डे अहेड मार्केट और रियल टाइम मार्केट में और 6 मई, 2022 से सभी सेगमेंट में लगाई गई थी.
बिजली वितरण कंपनियों ने बिजली आपूर्ति के लिए लंबी अवधि का PPA करार किया है. उन्हें बिजली शेड्यूल नहीं करने पर भी फिक्स्ड चार्ज देना पड़ता है. अब डिस्कॉम (DISCOM) पोर्टल पर ब्लॉक समय/दिनों/महीनों में अपनी बची हुई बिजली का जिक्र कर सकेंगी. जिन डिस्कॉम को बिजली की जरूरत है, वे अतिरिक्त बिजली की मांग को पूरा करने सक्षम होंगे.