Adani-Hindenburg Case: 'स्पेशलाइज्ड पैनल' गठन के साथ समयबद्ध जांच सबसे अहम - हरीश साल्वे

ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी गठित करने की मांग 'केवल सरकार को शर्मिंदा करने के लिए है: हरीश साल्वे
BQP Hindiमोहम्मद हामिद
Last Updated On  04 March 2023, 9:42 AMPublished On   04 March 2023, 9:01 AM
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अदाणी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के आरोपों की जांच को लेकर एक ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमिटी (JPC) की जगह एक 'स्पेशलाइज्ड कमिटी' गठन करने का सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला स्वागत योग्य है. ये कहना है सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे (Harish Salve) का.

साल्वे ने NDTV को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि 'जस्टिस सप्रे इस कमिटी में अपने अनुभव लेकर आएंगे, वो एक कमर्शियल वकील रह चुके हैं. वो SAT (Securities Appellate Tribunal) में भी रह चुके हैं. इसी तरह सोमशेखरन सुंदरेशन हैं, वो विषय को समझते हैं. वो इस कानून को कई दूसरे वकीलों से ज्यादा बेहतर समझते हैं, वो ये कानून मुझे पढ़ा सकते हैं, वो इस कदर अच्छे हैं.'

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 6 सदस्यों की एक कमिटी बनाने का आदेश दिया है, जिसकी अध्यक्षता रिटायर्ड जज अभय मनोहर सप्रे करेंगे. इस कमिटी के बाकी सदस्यों में ओ पी भट्ट, के वी कामत, नंदन नीलेकणि, सोमशेखर सुंदरेशन और रिटायर्ड जस्टिस जे पी देवधर शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मार्केट रेगुलेटर SEBI को आदेश दिया है कि वो अपनी जांच को तेज करे और दो महीने के अंदर स्टेटस रिपोर्ट सौंपे.

हरीश साल्वे ने कहा कि ये बेहद महत्वपूर्ण है (जांच समयबद्ध है) क्योंकि निवेशकों का विश्वास हिला हुआ है. उन्होंने कहा, 'आज, चाहे सच हो या झूठ, बाजार में उतार-चढ़ाव की ऐसी घटनाओं से निवेशकों के सेंटीमेंट को नुकसान पहुंचा है और इसे फिर से हासिल करने के लिए हमें जल्दी से ये जानने की जरूरत है कि वास्तव में हुआ क्या था.'

ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमिटी गठित करने की मांग 'केवल सरकार को शर्मिंदा करने के लिए है
हरीश साल्वे, वरिष्ठ वकील, सुप्रीम कोर्ट

साल्वे ने कहा कि 'ये लोग (एक्सपर्ट पैनल) देखेंगे कि मार्केट में हो क्या रहा है और वास्तव में हुआ क्या था, और फिर आपके पास एक रिपोर्ट होगी. और जब रिपोर्ट में आपको ये लगेगा कि हां कोई राजनीतिक लीपापोती हुई है, तब आप संसद में कार्रवाई की मांग करिएगा, संसद में बहस करिएगा, ज्वाइंट पार्लियामेंटरी की मांग कीजिएगा.'

अदाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की वजह से इसकी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों से 100 बिलियन डॉलर साफ हो चुके हैं. हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप पर शेयरों की कीमतों में छेड़छाड़ करने और फ्रॉड के गंभीर आरोप लगाए थे. अदाणी ग्रुप शुरू से ही इन आरोपों को झूठा और अदाणी एंटरप्राइजेज के FPO को निशाना बनाने के मकसद से की गई हरकत बताता रहा है. बाद में अदाणी एंटरप्राइजेज के FPO को निवेशकों के हितों का ध्यान रखते हुए वापस ले लिया गया.

लेकिन बीते कुछ दिनों में अदाणी ग्रुप के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली है, ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर अदाणी एंटरप्राइजेज से लेकर अदाणी पोर्ट के शेयर शुक्रवार को अच्छी बढ़त के साथ बंद हुए.

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