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FY 2023: इस वित्त वर्ष में कैसा रहा शेयर बाजार का प्रदर्शन?

वो कहते हैं न, अंत भला तो सब भला. शुक्रवार को शेयर बाजार ने भी अंतिम दिन आतिशी पारी खेली और निफ्टी 1.63% चढ़कर बंद हुआ
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी10:14 PM IST, 31 Mar 2023NDTV Profit हिंदी
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वित्त वर्ष 2023 को कई मायनों में याद रखा जा सकता है. एक ऐसा साल, जब यूक्रेन-रूस युद्ध ने ग्लोबल मार्केट्स पर काफी असर डाला. एक ऐसा साल, जिसमें महंगाई ने कई साल का रिकॉर्ड तोड़ा. ऐसा साल, जिसमें दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने लगातार दरों में बढ़ोतरी की. FY23 वो साल भी रहा, जब इसने शेयर बाजार को ऑल-टाइम हाई बनाते हुए भी देखा. शुक्रवार को FY23 का आखिरी कारोबारी दिन था.

अंत भला, तो सब भला.

शुक्रवार को शेयर बाजार ने आतिशी पारी खेली. बैंकिंग-फाइनेंशियल और IT शेयरों के दम पर शेयर बाजार ने FY23 के आखिरी दिन शानदार तेजी दिखाई. सेंसेक्स 1.78% चढ़ा और 58,991 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 1.63% मजबूत होकर 17,359 पर बंद हुआ.

हालांकि, 1 साल का रिकॉर्ड देखें तो सेंसेक्स 0.72% ही चढ़ा. वहीं, निफ्टी 0.6% लुढ़क गया.

ये रहे इस साल के टॉप परफॉर्मर्स

सेंसेक्स में इन कंपनियों ने दिखाई सबसे ज्यादा तेजी

ITC ने FY23 में 52.89% की छलांग लगाई. महिंद्रा एंड महिंद्रा, NTPC, HUL और L&T ने भी टॉप परफॉर्मर्स की कैटेगरी में अपनी जगह पक्की की. विप्रो ने इस वित्त वर्ष में सबसे कमजोर प्रदर्शन किया. FY23 में शेयर 38% टूटा. हिंडाल्को 26%, बजाज फिनसर्व 26%, इंफोसिस 25% तक टूटे.

निफ्टी में भी ITC, महिंद्रा एंड महिंद्रा, ब्रिटानिया, NTPC और HUL ने निवेशकों की खूब कमाई कराई.

किन सेक्टर्स ने FY23 में किया शानदार प्रदर्शन?

PSU बैंक पूरे वित्त वर्ष मैदान में डटकर खेला. 12 महीने में PSU बैंक में 36% का उछाल आया. FMCG ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया और सेक्टर 26% चढ़ा. मीडिया में 28% की बिकवाली रही. वहीं, ग्लोबल परेशानियों का IT पर असर पड़ा और सेक्टर 21% टूटा.

मिडकैप ने संवारा और स्मॉलकैप ने डुबाया

निफ्टी मिडकैप100 पर नजर डालें तो इस वित्त वर्ष 1.15% चढ़कर इसने सेंसेक्स और निफ्टी से बेहतर प्रदर्शन किया. वहीं, स्मॉलकैप100 ने निवेशकों को निराश किया और करीब 14% टूटा

मिडकैप100 इंडेक्स में चढ़े ये शेयर

शुक्रवार बाजार बंद होने तक निफ्टी मिडकैप100 इंडेक्स में इंडियन बैंक ने सभी शेयरों से बेहतर प्रदर्शन किया और 12 महीने में 87% चढ़ा. वहीं, TVS मोटर में 72% की मजबूती रही. टाटा टेलेसर्विसेज ने निवेशकों को परेशान किया और करीब 66% टूटकर बंद हुआ.

स्मॉलकैप100 के ये शेयर रहे सबसे आगे

मजगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने साल भर में 176% चढ़ा. वहीं, करुर वैश्य बैंक ने 125% की छलांग लगाई. RVNL 110% चढ़ा और UCO बैंक 105% मजबूत होकर बंद हुआ. पीरामल फार्मा साल भर में करीब 64% टूटकर बंद हुआ. इसके साथ तानला प्लेटफॉर्म्स 66% टूटा और ब्राइटकॉम ग्रुप सबसे ज्यादा 85% की गिरावट आई.

ग्लोबल इंडेक्स में कहां ठहरे भारतीय बाजार?

ओवरऑल ग्लोबल मार्केट देखें तो अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक का समय भारतीय शेयर बाजार ने सामान्य से बेहतर प्रदर्शन किया. जहां हांग कांग का हेंग सेंग 7%, अमेरिका का डाओ जोंस 5% और ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX200 4% टूटा. वहीं, यूरोपीय बाजार ने भारतीय बाजारों से बेहतर प्रदर्शन किया. फ्रांस का CAC 9.7%, UK का FTSE 1.65% चढ़ा. जापान का निक्केई भी 0.79% मजबूत हुआ.

निफ्टी बैंक भी हुआ मजबूत

FY23 में निफ्टी बैंक में 11.6% की मजबूती आई. बैंक ऑफ बड़ौदा, IDFC फर्स्ट, फेडरल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और ICICI बैंक ने निफ्टी बैंक को मजबूती दी.

इस वित्त वर्ष रुपया हुआ कमजोर

ब्लूमबर्ग डेटा के अनुसार, 1 साल में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 6.39 रुपये कमजोर हुआ. जहां 1 अप्रैल 2022 को 1 अमेरिकी डॉलर 75.79 रुपये का था, वो ही 1 अमेरिकी डॉलर 31 मार्च 2023 को 82.18 रुपये का हो गया. रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले साल भर में 8.44% कमजोर हुआ.

सोने का स्पॉट प्राइट 2.19% चढ़ा. पिछले साल $1,937.44/औंस का सोना आज $1,980/औंस का हो गया.

वहीं, ब्रेंट क्रूड साल भर में 26.2% टूटा. अप्रैल 2022 में ये $107.9/बैरल था, जो मार्च 2023 में $79.57/ बैरल हो गया.

कैसी होगी FY24 की डगर?

US और यूरोप के बैंकिंग सेक्टर में चल रही दिक्कतों और पिछले कुछ महीने से घटती हुई महंगाई के साथ ये भी देखना होगा कि FY24 के शुरुआती 6 महीने कैसे होते हैं.
श्रीकांत सुब्रमण्यम, CEO, कोटक चैरी

कोटक चैरी के CEO श्रीकांत सुब्रमण्यम कहते हैं कि, फिलहाल अमेरिका के रीजनल बैंक भरोसे की कमी का सामना कर रहे हैं. जहां तक मार्केट एक्सपर्ट अनुमान लगा रहे हैं, बाजार में FY24 में अस्थिरता बनी रहेगी.

सुब्रमण्यम के अनुसार, वित्तीय वर्ष का पहला हाफ बहुत रोचक होगा, कि इस दौरान अमेरिका और यूरोप के पॉलिसीमेकर्स फाइनेंशियल सिस्टम को कैसे सपोर्ट करते हैं.

उनका कहना है कि ब्याज दरें अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी हैं ऐसे में हाई यील्ड का फायदा उठाने के लिए बॉन्ड इस समय सबसे अच्छा विकल्प हैं.

ओवरऑल, परिस्थितियां अभी भी बहुत हद तक अनिश्चित हैं, क्योंकि ग्लोबल मैक्रो परिस्थियां कैसी होंगी, इसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है. सुब्रमण्यम कहते हैं, "निवेशकों को SIP के जरिए निवेश करते रहना चाहिए ताकि मार्केट में चल रही अस्थिरता का फायदा उठाया जा सके".

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