NSE को लोकेशन मामले में सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) ने मार्केट रेगुलेटर SEBI के डिस्गॉर्जमेंट के फैसले पर रोक लगा दी, SAT के इस फैसले के खिलाफ SEBI अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है.
SAT ने सोमवार को को-लोकेशन मामले में SEBI के 625 करोड़ रुपये के डिस्गॉर्जमेंट प्रॉफिट ग्रोथ के फैसले पर रोक लगा दी, लेकिन ड्यू डिलिजेंस में लापरवाही बरतने पर NSE को 100 करोड़ रुपये जमा जमा करने को कहा. सूत्रों से पता चला है कि मार्केट रेगुलेटर SAT के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर गंभीरता से विचार कर रहा है.
SAT ने अपने आदेश में कहा कि SEBI को अपनी जांच में ज्यादा सक्रिय और गंभीर होना चाहिए था जो गलत और बढ़ा-चढ़ाकर किया गया लगता है. SEBI को जनवरी 2015 में शिकायत मिली थी, और उसने तुरंत ही इस मामले की जांच शुरू कर दी थी.
SAT के इस फैसले का मार्केट के कुछ जानकारों ने स्वागत किया लेकिन इसकी कुछ गबड़ियों की ओर भी इशारा किया. सिक्योरिटी मार्केट के एक वकील का कहना है कि रकम को कम करने का आधार SAT के फैसले में नहीं बताया गया है.
उन्होंने कहा कि SAT के आदेश में कई गड़बड़ियां दिखाई देती हैं. 'SAT ने खुद NSE द्वारा 'IPs के आवंटन में असमान वितरण', 'लोड बैलेंसर का न होना, और ' सेकेंडरी सर्वर में लगातार कनेक्शन की निगरानी में नाकामी जैसी कमियों को देखा और फिर अंत में ये मानना कहना कि SEBI का ये नतीजा कि NSE एकसमान, अप्रतिबंधित और उचित पहुंच मुहैया कराने में नाकाम रहा, एक विडंबना लगती है.
SAT ने यह पाया था कि SEBI ने एक कैजुअल एप्रोच के साथ काम किया, जिसका एक्सपर्ट ने विरोध किया, उन्होंने कहा कि मामले में शामिल तकनीकी जटिलता को देखते हुए, सेबी ने आदेश पारित करते समय एक्सपर्ट्स की 7 रिपोर्टों पर विचार किया. SAT ने यह भी कहा था कि ये अजीब है और यह तर्क के मुताबिक नहीं है, कि कैसे SEBI ने NSE को अपने खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया जो फिर से गलत है.
SEBI ने अप्रैल 2019 में, NSE को 687 करोड़ रुपये से ज्यादा के मुनाफे को वापस करने का निर्देश दिया था, जिसमें 12% सालाना ब्याज और 625 करोड़ रुपये की शुरुआती रकम शामिल थी. SAT ने मार्केट रेगुलेटर के इस फैसले को सोमवार को पलट दिया.