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क्रिप्टो एसेट लीगल टेंडर भी नहीं और बैन करना भी मुश्किल; IMF और FSB का सुझाव- रेगुलेशन पर काम करें

IMF और FSB ने सिंथेसिस पेपर में कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी एसेट्स पर बैन नहीं लगाया जाना चाहिए, बल्कि उन्हें रेगुलेट करने की जरूरत है.
BQP HindiBQ डेस्क
BQP Hindi01:11 PM IST, 08 Sep 2023BQP Hindi
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Cryptocurrency Regularization or Ban: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड (FSB) ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है. PTI के मुताबिक, अपने सिंथेसिस पेपर में IMF और FSB ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी एसेट्स पर बैन नहीं लगाया जाना चाहिए, बल्कि उन्हें रेगुलेट करने की जरूरत है.

IMF-FSB ने क्रिप्टो को आधिकारिक दर्जा (Legal Tender) देने की बात को साफ तौर से खारिज कर दिया है. 45 पेज के इस डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि क्रिप्टो को लीगल टेंडर नहीं माना जाना चाहिए.

जोखिम कम करना सरकारों की जिम्मेदारी

IMF और FSB ने इस बात की जिम्मेदारी सरकारों पर डाली है कि वो क्रिप्टो जैसे डिजिटल एसेट्स से जुड़े वित्तीय और मौद्रिक जोखिमों को कम करने पर काम करें. दोनों ने सिफारिश की है कि क्रिप्टोकरेंसी एसेट्स के लिए सुरक्षित प्रयासों के जरिए मौद्रिक संप्रुभता और स्थिरता का ध्यान रखते हुए सतर्क कदम उठाने की जरूरत है.

मतलब साफ है कि क्रिप्टो पर अस्थायी प्रतिबंध लगाना जरूरी हो तो किया जा सकता है. IMF और FSB ने कहा है कि देशों की इकोनॉमी को क्रिप्टो एसेट्स से मिल रहे खतरों के प्रति सावधान रहने के लिए अस्थायी प्रतिबंध लगाने पर भी विचार करने से पीछे नहीं हटना चाहिए.

अपने वित्तीय हितों की सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी

45 पेज के इस सिंथेसिस पेपर को G20 के डेप्युटीज के साथ पहले ही साझा किया जा चुका है. गुरुवार को इसे सार्वजनिक किया गया. सिंथेसिस पेपर में इस बात का भी जिक्र है कि संभावित आर्थिक जोखिमों से बचने के लिए दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए अपने वित्तीय हित सुरक्षित करने चाहिए.

इसके अलावा इस बात का भी सुझाव दिया गया है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के नियमों का पालन करते हुए ये जांच होती रहनी चाहिए कि मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग और महाविनाशकारी हथियारों के लिए देशों के बीच आर्थिक संसाधनों का इस्तेमाल कैसे रोका जाए.

G20 देशों के साथ इस दिशा में काम कर रहे IMF, FSB

रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ कर इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव, बैंकिंग सुविधाओं से वंचित बड़ी आबादी, सीमा पार लेनदेन की ऊंची लागत के कारण क्रिप्टो एसेट से ज्यादा बड़ी आ​र्थिक और वित्तीय जो​खिम का सामना करना पड़ सकता है.

IMF, FSB, अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन और मानक निर्धारण निकाय साथ मिलकर G20 सदस्य देशों के अलावा भी संस्थागत क्षमता निर्माण, वै​श्विक समन्वय, सहयोग और सूचना साझा करने की दिशा में काम कर रहे हैं. साथ ही तेजी से बदलते क्रिप्टो एसेट मैकेनिज्म को समझने के लिए इंफॉर्मेशन गैप दूर करने पर काम कर रहे हैं.

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