साल खत्म होने को है, क्रिसमस और न्यू ईयर की छुट्टियों में काम से एक ब्रेक तो बनता है. लेकिन प्लान ऐसा हो कि घूमना फिरना भी हो जाए और जेब भी न कटे. बैंगलुरू में रहने वाले शिखा और शिखर ने कुछ ऐसा ही प्लान बनाया है.
23 दिसंबर को है फ्राइडे. नौकरी पेशा से बंधे शिखा-शिखर ने बुक कर ली है उसी दिन शाम की बैंगलुरू से दिल्ली वाली फ्लाइट पकड़कर मॉम-डैड के घर पहुंचेंगे. अगले दिन शनिवार को चारों लोग दिल्ली की रौनक देखेंगे, फिर रविवार की सुबह जयपुर के लिए निकल पड़ेंगे
चाहते तो मॉम-डैड को भी साथ ले सकते थे. मगर, वे इसके लिए तैयार नहीं होते. शायद हमें घूमने-फिरने का मौका देना चाहते हैं. जिद में हम उनसे जीत नहीं सकते. लिहाजा बात मान लेने में ही भलाई है.
घूमने-फिरने की शुरुआत जयपुर में हवा महल से सही रहेगी. जयपुर बाजार का लुत्फ भी उठाया जा सकता है. पास ही सिटी पैलेस भी घूम सकते हैं. 25 दिसंबर क्रिसमस के मौके पर अल्बर्ट म्यूजियम जाने का मौका छोड़ा नहीं जा सकता. देर रात यहां की लाइटिंग का आनंद लेना यादगार लम्हा होता है.
रात में आराम के बाद अगली सुबह 26 दिसंबर को नाहरगढ़ का किला देखना सही रहेगा. यहां से पूरे जयपुर को निहारा जा सकता है. फिर आमेर का किला देखने की इच्छा भी हम शायद ही रोक पाएं. जोधा अकबर की स्मृति है. वास्तुकला तो हर किसी को हैरान करने वाली!
दोपहर तक भूख भी तगड़ी लग चुकी रहेगी. मिर्ची बड़ा और बाटी चूरमा का लुत्फ उठाने का मौका भला कैसे छोड़ा जा सकता है. जब एक और शाम बिताने का मौका मिल रहा हो तो जल महल की लाइट्स देखने की हसरत को क्यों रोकें. 27 दिसंबर सुबह बिरला मंदिर के दर्शन करते हुए वापस दिल्ली. फिर आगे की दो रात दिल्ली में मॉम डैड के साथ.
आगरा टूर : 29 दिसंबर की सुबह 8 बजे गतिमान ट्रेन से अगले दो घंटे में आगरा पहुंचेंगे. ताजमहल का दीदार होगा. आगरे का किला और जामा मस्जिद देखने की हसरत भी पूरी करेंगे. खास महल भी देखना जरूरी है जिसे शाहजहां ने अपने बेटियों जहां आरा और रोशनआरा के लिए बनवाया था. सफेद संगमरमर से बने इस महल के एक ओर अंगूरी बाग है तो दूसरी ओर बहती हुई नदी. रात में रुकने का झंझट नहीं रखेंगे, यात्रा को किफायती और उपयोगी बनाए रखेंगे. उसी दिन ट्रेन से दिल्ली वापस लौट जाएंगे.
देहरादून दौरा : 30 दिसंबर को हम जा पहुंचेंगे दिल्ली से देहरादून. यहां राजाजी नेशनल पार्क और मालदेवता वाटर फॉल देखने का प्लान है.
31 दिसंबर मसूरी में बीतेगा. कैम्प्टी वाटर फॉल, कंपनी गार्डन और मॉल रोड में थोड़ा वक्त गुजारेंगे. हैप्पी न्यू ईयर मनाते हुए पहली जनवरी रविवार को दिन भर मौज-मस्ती होगी. फिर देर रात तक लौटती ट्रेन पर सवार हो जाएंगे.
सुबह सवेरे दिल्ली में फिर मॉम डैड के घर पहुंच जाएंगे और फिर उसकी अगली सुबह 2 जनवरी को फ्लाइट पकड़कर बैंगलुरू पहुंचेंगे और अगले दिन 3 जनवरी से वापस काम पर.