अमेजॉन (Amazon). परिचय देने के लिए सिर्फ नाम ही काफी है! दुनिया की इस सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी ने भारत में 10 साल पूरे कर लिए हैं. इस बड़े मौके पर कंपनी 'मेड इन इंडिया, फॉर इंडिया' और 'इंडिया की अपनी दुकान' जैसे लुभावने नारे बुलंद कर रही है. ऐसे में भारत में अमेजॉन के कामकाज और कामयाबी के सफर पर एक नजर डालना लाजिमी हो जाता है.
कामयाबी किसे कहते हैं, इसे अमेजॉन इंडिया (Amazon India) की कहानी से आसानी से समझा जा सकता है. अमेजॉन ने 5 जून, 2013 को भारत में अपनी पहली ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट लॉन्च की. शुरुआत में सिर्फ किताबें ही ऑनलाइन बेची गईं. मुंबई के एक छोटे-से गोदाम से शुरुआत हुई. शुरुआती दौर में कंपनी से जुड़ने वाले विक्रेताओं की तादाद महज 100 के आसपास थी. तब विक्रेता अपने सामान को खुद ही उस गोदाम तक पहुंचाया करते थे. लेकिन ये तस्वीर बहुत तेजी से बदलती चली गई.
आज इस प्लेटफॉर्म पर विक्रेताओं की तादाद बढ़कर 12 लाख से भी ज्यादा हो चुकी है. अमेजॉन इंडिया के पास अब देशभर में करीब 4.3 करोड़ क्यूबिक फीट का स्टोरेज है. हो गया ना कमाल!
कंपनी ने भारत में शुरुआत से ही ऐसे कई कदम उठाए, जिनसे लोगों का भरोसा जीता जा सके. यहां ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर लोगों के मन में कई तरह की शंकाएं थीं. लेकिन कंपनी ने लोगों के मन-मिजाज और हालात को देखकर पॉलिसी तय की. इसने रिटर्न और रिफंड पॉलिसी एकदम आसान बनाई, जो आज एक तरह से इंडस्ट्री के लिए स्टैंडर्ड बन चुकी है. यानी आइटम पसंद न आए, तो कोई फिक्र नहीं. सामान की बदली या सीधे पैसे वापस.
अमेजॉन ने खास तौर पर भारत के लिए एक लाइट एप्लिकेशन भी लॉन्च किया. इससे ग्राहक सस्ते फोन और कमजोर नेटवर्क के बावजूद ऑनलाइन खरीदारी करने में सक्षम हो सके. साथ ही अपनी पसंदीदा भाषा में खरीदारी करने का ऑप्शन देकर इसने सबको अपने साथ जोड़ लिया. देश के कोने-कोने तक पहुंच बनाने में ये सारे उपाय कारगर साबित हुए.
अमेजॉन की ऑफिशियल वेबसाइट पर ऐसे कई तथ्य दिए गए हैं, जिनसे इसकी कामयाबी की रणनीति साफ झलकती है. Amazon.in की तीसरी सालगिरह पर इंडिया पोस्ट ने Amazon India को लेकर 'माई स्टैम्प' जारी किया. कंपनी ने इंडिया पोस्ट के साथ-साथ भारतीय रेलवे जैसे विशाल संगठन के साथ करार किया. इसने देशभर में डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क मजबूत करने के लिए किराना स्टोर के साथ भी सहयोग की नीति अपनाई.
2015 में अमेजॉन ने देश में पहली बार बड़े पैमाने पर ग्राहकों को लुभाने के लिए 'ग्रेट इंडियन फेस्टिवल' लॉन्च किया, जिसे खूब पसंद किया गया. लोगों को डिस्काउंट का ऐसा चस्का लगा कि उन्हें बाद में ऐसे मौकों का इंतजार रहने लगा. कंपनी ने भी इन्हें भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
अमेजॉन ने 2016 में 'प्राइम' को भारत में लॉन्च किया, जिससे ग्राहकों को कई और सुविधाएं मिलने लगीं. प्राइम मेंबरशिप के जरिए सामान की डिलीवरी तेज की गई. डिलीवरी चार्ज देने का बोझ भी खत्म. साथ ही अमेजॉन प्राइम वीडियो को भी लॉन्च किया गया, जो OTT सेगमेंट का बड़ा प्लेयर बन चुका है.
भारत में Amazon Pay को लॉन्च किया जाना भी एक बड़ा कदम साबित हुआ. इससे ग्राहकों और छोटे बिजनेस के लिए डिजिटल पेमेंट आसान बन सका. आज 85 लाख से ज्यादा छोटे व्यवसायी और 8 करोड़ से ज्यादा ग्राहक Amazon Pay UPI का इस्तेमाल करते हैं.
2019 में अमेजॉन देशभर में पैकेज की आवाजाही के लिए भारतीय रेलवे के साथ साझेदारी करने वाली पहली ई-कॉमर्स कंपनी बन गई. इसी साल अमेजॉन फ्रेश लॉन्च किया गया, जिसके तहत ग्राहकों को खरीदारी के 2 घंटे के अंदर सामान की डिलीवरी का वादा किया गया.
इस फर्म ने स्थानीय खुदरा विक्रेताओं को ऑनलाइन लाने के लिए 2020 में अमेजॉन पर स्थानीय दुकानें शुरू कीं. कंपनी के मुताबिक, अब अमेजॉन इंडिया पर 350 शहरों में 2,70,000 से ज्यादा स्थानीय दुकानें हैं.
2023 में कंपनी ने लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को और मजबूती देने के लिए एक डेडिकेटेड एयर कार्गो सर्विस- प्राइम एयर को भी जोड़ा है.
2013 में जब अमेजॉन ने भारत में ई-कॉमर्स का संचालन पहली बार शुरू किया, तब से इसने 6.5 बिलियन डॉलर (करीब 53,600 करोड़ रुपये) से ज्यादा का निवेश किया है. ये निवेश सप्लाई चेन, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग जैसे बुनियादी ढांचे पर किया गया. कंपनी का कहना है कि उसने देश में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 11 लाख से ज्यादा रोजगार पैदा किए हैं. कंपनी 2025 तक रोजगार के इस आंकड़े को दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. कंपनी भारत की अर्थव्यवस्था को बुलंदी तक पहुंचाने में मददगार होने का दावा भी कर रही है.
वाइस प्रेसिडेंट और अमेजॉन इंडिया के बड़े अधिकारी मनीष तिवारी देश में इस फर्म की तरक्की को लेकर काफी आशावान नजर आते हैं. वे कंपनी के एक ब्लॉग में लिखते हैं, 'भारत की युवा आबादी, आय का बढ़ता स्तर, इंटरनेट के फैलाव और सोशल मीडिया की बढ़ती पैठ के साथ भविष्य रोमांचक है.'
ई-कॉमर्स कंपनियों के बीच आज भले ही अमेजॉन की बादशाहत है, लेकिन इसके सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं. भारत के ई-कॉमर्स बाजार के 2030 तक 350 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. लेकिन इस बाजार में अमेजॉन को फ्लिपकार्ट, रिलायंस के JioMart और टाटा जैसे प्रतिद्वंद्वियों से कड़ी टक्कर मिल रही है. अमेरिका बेस्ड रिसर्चर बर्नस्टीन की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लंबे समय में रिलायंस सबसे बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरेगा. वजह ये बताई गई है कि रिलायंस के पास बेहतर रिटेल नेटवर्क के साथ-साथ Jio मोबाइल की ताकत और डिजिटल क्षमताएं भी दूसरों से ज्यादा हैं.
अमेजॉन पर ऐसे आरोप भी लगते रहे हैं कि ये फर्म अपने प्लेटफॉर्म पर उन विक्रेताओं को ज्यादा तरजीह देती है, जिनमें उसकी हिस्सेदारी है. समस्याएं और भी हैं. कंपनी कॉस्ट कटिंग, कर्मचारियों की छंटनी और कुछ कारोबार के ठप होने से भी प्रभावित हुई है. हालांकि कंपनी को छिटपुट समस्याओं से पार पाने का पूरा भरोसा है. वैसे भी इसकी राह में तब तक शायद ही कोई बड़ी बाधा आए, जब तक लोग इसे #IndiaKiApniDukaan मानते रहेंगे!