1mg, NetMeds जैसी ई-फार्मा कंपनियों पर लग सकता प्रतिबंध, सरकार लाने वाली है रेगुलेशन

मंत्रियों के समूह का कहना है कि ये फार्मेसीज क्षेत्रवार तरीके से दवाओं के खपत का डेटा इकट्ठा करती हैं, जिससे मरीज की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है.
BQP Hindiमोहम्मद हामिद
Last Updated On  14 March 2023, 12:33 PMPublished On   14 March 2023, 12:33 PM
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ऑनलाइन दवाएं बेचने वाली ई-फार्मेसी कंपनियों पर ताला लग सकता है. सरकार 1mg, NetMeds, MediBuddy, Practo और Apollo जैसी ई-फार्मा कंपनियों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ई-फार्मेसी कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है.

ई-फार्मेसी पर सख्ती की तैयारी

स्वास्थ्य मंत्रालय को लगता है कि ई-फार्मा कंपनियों की वजह से डेटा प्राइवेसी का खतरा है, साथ ही ये कंपनियां इस सेक्टर में गलत तरीके से कारोबार कर रही हैं और दवाओं की विवेकहीन बिक्री कर रही है. इंटर-मिनिस्ट्रियल कंसल्टेशन के लिए भेजे गए न्यू ड्रग्स, मेडिकल डिवाइसेज एंड कॉस्मेटिक्स बिल, 2023 के संशोधित मसौदे में कहा गया है कि 'केंद्र सरकार ऑनलाइन मोड से किसी भी दवा की बिक्री या वितरण को रेगुलेट और प्रतिबंधित कर सकती है.

जुलाई में ड्राफ्ट जारी किया था

'द न्यू ड्रग्स, मेडिकल डिवाइसेज एंड कॉस्मेटिक्स बिल, 2023, मौजूदा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की जगह लेगा. पिछले साल जुलाई में ड्राफ्ट बिल को सार्वजिनक किया गया था, जिसमें स्टेकहोल्डर्स से ई-फार्मेसी चलाने के लिए प्रावधानों पर मंजूरियों के लिए फीडबैक मांगे गए थे.

GoM पहले ही बैन करने की मांग कर चुका है

मंत्रियों का समूह पहले ही ई-फार्मेसी पर बैन लगाने पर अपनी राय जाहिर कर चुका है. मंत्रियों के समूह का कहना है कि ये फार्मेसीज क्षेत्रवार तरीके से दवाओं के खपत का डेटा इकट्ठा करती हैं, जिससे मरीज की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है. GoM का कहना है कि बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के दवाओं की बिक्री और मनमानी कीमत को बढ़ावा मिल रहा है. इससे रिटेल मार्केट के लिए खतरा पैदा हो रहा है.

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने फरवरी में टाटा 1mg, अमेजन, फ्लिपकार्ट, NetMeds, MediBuddy, Practo, और अपोलो सहित 20 ई-फार्मेसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. जिसमें DCGI ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मई और नवंबर 2019 में और फिर 3 फरवरी, 2023 को जरूरी कार्रवाई और कम्प्लायंस के लिए आदेश जारी किया था.

ऑनलाइन दवा विक्रेताओं को नोटिस में कहा गया है, 'इसके बावजूद आप बिना लाइसेंस के ऐसी गतिविधियों में संलिप्त पाए जा रहे हैं'.इस नोटिस में कहा गया था कि कंपनियां दवाओं की ऑनलाइन बिक्री में सरकारी नियमों की अनदेखी कर रही हैं.

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