नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के खिलाफ IDBI बैंक की इन्सॉल्वेंसी याचिका को खारिज कर दिया है.
IDBI बैंक ने करीब 150 करोड़ रुपये के क्लेम के लिए ZEE के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी याचिका दायर करने के लिए पिछले साल दिसंबर में अदालत का दरवाजा खटखटाया था. IDBI बैंक के मुताबिक ये क्लेम बैंक और सिटी नेटवर्क लिमिटेड (Siti Networks Ltd.) के बीच हुए डेट सर्विस अकाउंट एग्रीमेंट से जुड़ा हुआ है.
डील के मुताबिक, ZEE वर्किंग कैपिटल लोन फैसिलिटी की गारंटी देने के लिए सहमत हुई थी, जो कि IDBI ने सिटी नेटवर्क्स को दिया था. इस एग्रीमेंट के तहत, सिटी अगर इस लोन को चुका पाने की स्थिति में नहीं रहा तो Zee से ये उम्मीद की गई थी कि वो हमेशा इस लोन के ब्याज के दो चौथाई का क्रेडिट बैलेंस बनाए रखेगा. लेकिन IDBI ने बताया कि ZEE एग्रीमेंट के दायित्वों को पूरा करने में विफल रही है.
हालांकि, ZEE ने बताया कि कंपनी की गारंटी केवल DSRA अमाउंट तक ही सीमित थी, न कि पूरे कर्ज पर थी. समझौते के तहत गारंटी के रूप में पूरा कर्ज 50 करोड़ रुपये से अधिक नहीं हो सकता है. इसके अलावा, गारंटी को उस अवधि के दौरान लागू किया गया था जिस समय इन्सॉल्वेंसी याचिकाओं को निलंबित कर दिया गया था.
कोर्ट ने ZEE के तर्क को सही पाया और IDBI बैंक की याचिका खारिज कर दी. हालांकि, इस साल की शुरुआत में ट्रिब्यूनल ने इंडसइंड बैंक लिमिटेड से इसी तरह के एक आवेदन को स्वीकार किया था. इसे बाद में दोनों पक्षों ने मामला सुलझा लिया था.
ये फैसला ZEE एंटरटेनमेंट के लिए राहत की खबर है. इस समय ZEE कल्वर मैक्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (सोनी पिक्चर्स) के साथ मर्जर की प्रक्रिया में है.