दिग्गज भारतीय कंपनी विप्रो (Wipro) के कार्यकारी अध्यक्ष (Executive Chairman) रिशद प्रेमजी की सैलरी वित्त वर्ष 2023 के लिए आधी कर दी गई है. कोरोना महामारी के बाद उनकी सैलरी में ये पहली कटौती है. हाल ही में US सिक्योरिटी और एक्सचेंज कमीशन (US SEC) में की गई एक फाइलिंग में ये जानकारी सामने आई है.
उन्होंने इस वर्ष कुल वार्षिक कंपनसेशन में 9,51,353 डॉलर कमाए हैं, जो उनके पिछले वर्ष की कमाई से करीब 50% (8,67,669 डॉलर) कम है. विप्रो बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर 2022 में उनकी सैलरी 18,19,022 डॉलर थी.
ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब US-SEC फाइलिंग के अनुसार, विप्रो का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 7.16% घटकर 11,366.50 करोड़ रुपये रहा है. IT इंडस्ट्री के लिए चालू वित्त वर्ष भी निराशाजनक दिख रहा है और विश्लेषकों का अनुमान है कि पहली छमाही में 245 बिलियन डॉलर वाली भारतीय IT इंडस्ट्री की अर्निंग्स खराब रहेंगी.
कोरोना महामारी के बाद रिशद प्रेमजी की सैलरी में ये बड़ी कटौती देखी गई है. तब उनकी सैलरी में करीब 31% कटौती सामने आई थी. महामारी के दौर में रिशद ने अपना कमीशन छोड़ दिया था. कंपनी के फाउंडर और उनके पिता अजीम प्रेमजी ने भी वर्ष 2020 में में हुए प्रॉफिट में अपना कमीशन छोड़ा था. दोनों ने सैलरी में वैरिएबल कंपनसेशन भी नहीं लिया था.
विप्रो लिमिटेड की ओर से द्वारा US सिक्योरिटीज और एक्सचेंज कमीशन को प्रस्तुत किए गए फॉर्म 20-F के अनुसार, उनकी सैलरी में 8,61,620 डॉलर वेतन और भत्ते के रूप में, 74,343 डॉलर लॉन्ग टर्म कंपनसेशन बेनिफिट्स के तौर पर और 15,390 डॉलर अन्य आय में शामिल है. रिशद प्रेमजी के कंपनसेशन में कैश बोनस (उनके निश्चित वेतन का हिस्सा) भी शामिल था, लेकिन वित्तीय वर्ष 2023 में उन्होंने कोई स्टॉक विकल्प नहीं लिया था.
विप्रो लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में रिशद प्रेमजी का वर्तमान 5 वर्ष का कार्यकाल 30 जुलाई, 2024 को समाप्त होगा. रिशद ने 2007 में विप्रो जॉइन किया था और जुलाई 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने से पहले यहां कई भूमिकाओं में काम किया.
उन्होंने विप्रो के बैंकिंग और वित्तीय सेवा व्यवसाय में एक महाप्रबंधक के रूप में शुरुआत की थी, फिर निवेशक संबंधों के प्रमुख बने और फिर विप्रो की रणनीति और M&A नेतृत्व किया.
विप्रो के मुख्य रणनीति अधिकारी (Chief Strategy Officer) के रूप में, रिशद ने विप्रो वेंचर्स की संकल्पना की थी. कंपनी के लिए निवेशक और सरकारी संबंधों के लिए भी जिम्मेदारी उन पर थी.