'साल 2022 में मुंबई के धारावी स्लम रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए जो टेंडर जारी किया गया था वो पूरी तरह से पारदर्शी था. इस टेंडर के लिए सबसे ज्यादा की बोली लगाने वाले अदाणी ग्रुप को कोई अनुचित लाभ नहीं दिया गया'.
महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में ये जवाब दाखिल किया है.
दरअसल, UAE की कंपनी सेकलिंक टेक्नोलॉजीज (Seclink Technologies) ने एक याचिका देकर महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें राज्य सरकार ने ये रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट अदाणी ग्रुप को देने का फैसला किया था. महाराष्ट्र सरकार ने इस याचिका के जवाब में हाईकोर्ट में एफिडेविट दाखिल किया है.
एफिडेविट में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने इस मामले में निराधार आरोप लगाए हैं और ऐसे आरोप लगाने की वजह से ये याचिका जुर्माने सहित खारिज किए जाने योग्य है. बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस DK उपाध्याय और जस्टिस आरिफ डॉक्टर की पीठ अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार को करेगी.
आपको बता दें कि नवंबर, 2022 में अदाणी ग्रुप ने धारावी के रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की बोली जीती थी. ग्रुप ने इसके लिए 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.
240 हेक्टेयर में फैला धारावी, एशिया का सबसे बड़ा स्लम है. इस प्रोजेक्ट की योजना दो दशक पहले बनाई गई थी, लेकिन इसमें कई दिक्कतें आती रहीं. यहां करीब 8 लाख की आबादी है और 13,000 छोटे धंधे हैं.
इस योजना में झुग्गी बस्ती में रहने वालों को घर देने का प्लान पहली बार 1997 में आर्किटेक्ट मुकेश मेहता ने बनाया था. इस दिशा में काम होना पहली बार साल 2003-04 में शुरू हुआ जब राज्य सरकार ने धारावी को एक इंटिग्रेटेड टाउनशिप के तौर पर डेवलप करने का प्लान बनाया. राज्य सरकार ने इसके लिए एक्शन प्लान को फरवरी 2004 में मंजूरी दी थी.
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने अक्टूबर 2022 में नए टेंडर जारी किए. पिछली बार इस प्रोजेक्ट के लिए लगी बोली को उद्धव ठाकरे सरकार ने साल 2019 में रद्द कर दिया था.