KKR एंड कंपनी ने कहा कि कंज्यूमर सेक्टर से भारत में निवेश (Investment) के अवसर मिलते रहेंगे. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी बायआउट कंपनी अपने प्राइवेट क्रेडिट पोर्टफोलियो को बढ़ा रही है. एशिया प्राइवेट इक्विटी और भारतीय कारोबार के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर गौरव त्रेहान के मुताबिक निवेश कंपनी वैल्यूएशन बढ़ने के बाद भी भारत में घरेलू खपत (Consumption) को लेकर बुलिश है.
त्रेहान ने मुंबई में एक इंटरव्यू में कहा कि ये उन सेक्टर्स में से एक है जहां वैल्यूएशन बना हुआ है और हमारा मानना है कि ये भारत में 15, 20, 25, 30 साल की कहानी बनी रहेगी. KKR उन ग्लोबल कंपनियों में शामिल है जिन्होंने भारत में अरबों डॉलर लगाए हैं. कंपनी अगले पांच साल में भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से निवेश के इंसेटिव्स को लेकर आकर्षित हुई है.
ब्लैकस्टोन ने अगले पांच साल में अतिरिक्त 25 बिलियन डॉलर निवेश करने का इच्छा जतायी है, जबकि गोल्डमैन सैक्स ग्रुप समान अवधि में 4 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा.
KKR ने पिछले करीब दो दशक में भारत में करीब 11 बिलियन डॉलर का निवेश किया है. जहां कंपनी ने हेल्थकेयर, लाइफ साइंसेज, टेक्नोलॉजी सर्विसेज और कंज्यूमर पर आधारित सेक्टर्स में निवेश किया है. उसके को-फाउंडर हेनरी क्रेविस ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि कंपनी देश में पहले के मुकाबले ज्यादा तेज रफ्तार से 10 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी.
कंज्यूमर सेगमेंट में कंपनी ने आईवेयर रिटेल चेन लेंस्कार्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट और अर्ली चाइल्डहुड एंड एजुकेशन ग्रुप लाइटहाउस लर्निंग ग्रुप पर दांव लगाया है. उसने मुकेश अंबानी के रिटेल कारोबार में हिस्सेदारी भी खरीदी है.
KKR मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी कंपनियों पर देख सकती है. त्रेहान ने कहा कि इस सेक्टर में कंपनी ने अब तक सिर्फ 2013 में एक बार अलायंस टीयर ग्रुप पर दांव लगाया था.