देश का व्यापार घाटा (Trade Deficit) अप्रैल में 20 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. ये सितंबर 2021 के बाद सबसे निचला स्तर है. ट्रेड डेफिसिट के घटने के पीछे, आयात और निर्यात, दोनों में कमी को बताया जा रहा है. मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट अप्रैल 2023 में गिरकर 15.2 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. एक साल पहले की अवधि के दौरान ये 18.4 बिलियन डॉलर पर था. इस सिलसिले में सोमवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने डेटा जारी किया है.
आंकड़ों को गौर से देखें, तो मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स सालाना आधार पर 12.7% गिरकर अप्रैल 2023 में 34.66 बिलियन डॉलर पर आ गया है. मर्चेंडाइज इंपोर्ट सालाना आधार पर 14.1% घटकर अप्रैल 2023 में 49.9 बिलियन डॉलर पर आ गया है.
वहीं, सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में भारत का कुल निर्यात (मर्चेंडाइज और सर्विसेज जोड़कर) 65.02 बिलियन डॉलर रहा है. ये अप्रैल 2022 के मुकाबले 2% रहा है. वहीं, अप्रैल 2023 में कुल आयात 66.40 बिलियन डॉलर रहा, जो अप्रैल 2022 के मुकाबले 7.92% कम है.
नॉन-पेट्रोलियम और नॉन-जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट अप्रैल 2023 में 25.76 बिलियन डॉलर रहा है. ये अप्रैल 2022 में 28.37 बिलियन डॉलर रहा था.
नॉन-पेट्रोलियम, नॉन-जेम्स एंड ज्वैलरी आयात अप्रैल 2023 में 31.49 बिलियन डॉलर रहा. इससे पहले अप्रैल 2022 में यह आंकड़ा 36 बिलियन डॉलर रहा था.
जब एक निश्चित अवधि के दौरान देश का आयात, निर्यात से ज्यादा हो जाता है, तो वो ट्रेड डेफिसिट या व्यापार घाटे की श्रेणी में आता है. इसे निगेटिव बैलेंस ऑफ ट्रेड भी कहते हैं. दूसरे शब्दों में, जब कोई देश बेचने से ज्यादा खरीदता है, तो उसे ट्रेड डेफिसिट होता है.