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Byju's Saga: ऊंची दुकान, फीके पकवान, रवींद्रन का 'ड्रीम' 12 साल में हुआ धड़ाम !

हालिया झटके Byju's के लिए सबक भी साबित हो सकते हैं, शायद कंपनी अब वैल्यूएशन से ज्यादा वैल्यू बनाने पर जोर लगाए, अगर नहीं तो हो सकता है कंपनी एंडगेम की राह पर हो.
NDTV Profit हिंदीसुदीप्त शर्मा, प्रबुद्ध जैन
NDTV Profit हिंदी11:33 AM IST, 06 Jul 2023NDTV Profit हिंदी
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ब्लॉकबस्टर फिल्म शोले में एक मशहूर सीन है. जय (अमिताभ), वीरू (धर्मेंद्र) की तमाम खामियां गिनाता है और हर खामी के साथ जोड़ देता है - लड़का अच्छा है, नेक है. और इस पर मौसी (लीला मिश्रा) तपाक से कहती हैं - भले सौ बुराइयां हैं तुम्हारे दोस्त में, लेकिन तुम्हारे मुंह से उसके लिए तारीफ ही निकलती है.

29 जून 2023. कुछ ऐसा ही सीन दोहराया गया देश की 'ब्लॉकबस्टर' एडटेक कंपनी Byju's के टाउनहॉल में. Byju's का वैल्यूएशन साल भर में चौथाई रह गया है, कर्जदाता केस पर केस कर रहे हैं, छंटनी जोरों पर है, ट्विटर पर आम जनता से लेकर सेलिब्रिटीज तक घेर रहे हैं, लेकिन....लेकिन फाउंडर बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) हजारों के स्टाफ को कहते हैं-- Things Are Not As Bad As You Think यानी चीजें उतनी बुरी नहीं हैं जितनी आपको लगती हैं.

अब और कितने बुरे होने हैं हालात? अब तक कितने बिगड़ चुके हैं? कैसे कोविड में महाशक्ति नजर आने वाली और दुनिया भर में डंका बजाने वाली कंपनी, घुटनों के बल आती दिख रही है....इस सबकी पड़ताल सिलसिलेवार ढंग से करते हैं.

सफर, सफर की बहारें और सफर के कांटे

Byju's के फाउंडर बायजू रवींद्रन, केरल के कन्नूर जिले से आते हैं . पिता फिजिक्स के टीचर, मां मैथ्स की. बायजू ने भी शुरुआत ट्यूशन पढ़ाने से की. पहले दोस्तों को, फिर स्टूडेंट्स से भरे बड़े-बड़े ऑडिटोरियम में. साल 2011 में बुनियाद पड़ी Byju's की पेरेंट कंपनी - थिंक एंड लर्न की. फोकस था ऑनलाइन और क्लास 12 पर. फिर 2015 में आया कंपनी का Byju's App.

यही वो साल था जब देश में इंटरनेट क्रांति ने दस्तक दी थी. डेटा बस बह रहा था. सस्ता, सुलभ और सबके लिए. डेटा की स्पीडबोट पर सवार होकर Byju's ने कम वक्त में लंबा सफर तय किया और कई किनारों को छू लिया. इसमें छात्र, पेरेंट्स, स्कूल, इंस्टिट्यूशंस, दूसरी एडटेक कंपनियां सब शामिल हैं.

और फिर आया साल 2020. जब दुनिया घरों में सिमट गई. स्कूलों पर ताले लटक गए. पढ़ने का एक ही जरिया था- स्क्रीन.

लैपटॉप, टैबलेट, मोबाइल, जिसके पास जो स्क्रीन उपलब्ध थी, उसी पर पढ़ाई शुरू. Byju's, एडटेक में पहले से जबरदस्त एक्टिव था. उसने मौके को दोनों हाथों से लपका और लाखों छात्रों को अपने पाले में खींचने में कामयाब रहा.

कामयाबी आई तो एक के बाद एक फंडिंग राउंड आए, डील्स आईं. वैल्यूएशंस नई ऊंचाइयां छूने लगे.

यूं तो Byju's ने 2017 में ही ट्यूटर विस्टा (TutorVista), विद्यार्था (Vidyartha) जैसे जाने-पहचाने प्लेटफॉर्म्स का अधिग्रहण कर लिया था, लेकिन असल दौड़ शुरू हुई कोविड के दौरान.

चान-जकरबर्ग इनिशिएटिव (Chan Zuckerberg Initiative), सिल्वर लेक, ब्लैकरॉक (BlackRock), टाइगर ग्लोबल और टेंसेंट जैसे दिग्गज ग्लोबल इन्वेस्टर्स की बैकिंग वाले Byju's ने पूरा ध्यान इनऑर्गनिक ग्रोथ पर लगाया और कोविड के दौरान और उसके बाद कई अधिग्रहण किए.

कुछ बड़े अधिग्रहण

  • अगस्त, 2020 में कंपनी ने 300 मिलियन डॉलर की डील के तहत टेक कंपनी व्हाइटहैट जूनियर (WhiteHat Jr) को खरीदा

  • जुलाई 2021 में 150 मिलियन डॉलर में Toppr को खरीदा.

  • कंपनी ने जनवरी, 2021 में देश की जानी-पहचानी ऑफलाइन कोचिंग कंपनी, आकाश एजुकेशनल सर्विस लिमिटेड का अधिग्रहण 900 मिलियन डॉलर में किया.

  • कंपनी ने जुलाई, 2021 में ही सिंगापुर बेस्ड ग्रेट लर्निंग का 600 मिलियन डॉलर में अधिग्रहण किया.

  • जुलाई में ही Byju's ने अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित डिजिटल रीडिंग प्लेटफॉर्म Epic का अधिग्रहण 500 मिलियन डॉलर में पूरा किया.

  • दिसंबर 2021 में Byju's ने ऑस्ट्रिया के मैथ लर्निंग ऐप GeoGebra को 100 मिलियन डॉलर में खरीदा.

ब्रैंडिंग पर बेतहाशा खर्च

जब फंडिंग के अच्छे दिन चल रहे थे, तो Byju's ने 2017 में शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) जैसे सेलिब्रिटी को अपना ब्रैंड एंबेसडर बनाया, वहीं WhiteHat Jr के लिए ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) को चुना. मतलब ब्रैंडिंग पर पैसा पानी की तरह बहाया गया.

Byju's का नाम तब आम लोगों की जुबान पर और चढ़ा, जब कंपनी ने खेल की दुनिया में बड़ी स्पॉन्सरशिप लेनी शुरू कीं. 2019 में टीम इंडिया की जर्सी पर Byju's का लोगो दिखने लगा. Byju's ने ये स्पॉन्सरशिप Oppo से ली थी, जिसके तहत हर बाइलेटरल मैच के लिए Byju's को 4.61 करोड़ रुपये देने थे, जबकि ICC इवेंट में हर मैच के लिए 1.51 करोड़ रुपये की डील थी (ये डील नवंबर 2022 तक तीन साल के लिए थी. बाद में कंपनी ने एक साल के लिए इसे और बढ़ाया, पर 2023 मार्च में अपने कॉन्ट्रैक्ट को खत्म कर दिया).

लेकिन इतना काफी नहीं था और कंपनी, कतर में हुए फुटबॉल वर्ल्ड कप के स्पॉन्सर्स में शामिल हो गई. इसके पीछे कंपनी की अंतरराष्ट्रीय मौजूदगी को मजबूत करना था. कंपनी मशहूर फुटबॉल प्लेयर लियोनेल मेसी (Lilonel Messi) को भी अपना इंटरनेशनल ब्रैंड एंबेसडर बनाकर Byju's की जर्सी पहनाने में कामयाब रही.

वैल्यूएशन की सांप-सीढ़ी

बचपन में सांप-सीढ़ी खेलने वाले जानते हैं कि 100 की फिनिश लाइन से ठीक पहले 98 पर भी लंबा सांप डसने के लिए तैयार बैठा रहता है. Byju's, इस सबसे पूरी तरह अनजान, नए फंडिंग राउंड्स की सीढ़ियां लगाता रहा, वैल्यूएशन बढ़ाता रहा और फिनिश लाइन की तरफ तेजी से बढ़ने लगा.

फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 के एक फंडिंग राउंड में कंपनी का वैल्यूएशन 22 बिलियन डॉलर आंका गया. खुद CEO बायजू रवींद्रन और उनकी पत्नी की संपत्ति 3.6 बिलियन डॉलर आंकी गई.

इसी रिपोर्ट में Byju's के हवाले से ऑनलाइन ग्रोथ का आंकड़ा दिया गया है. 2015 में लर्निंग ऐप लाने वाले Byju's के पास कोविड से पहले 2019 में 3.5 करोड़ रजिस्टर्ड स्टूडेंट थे. जबकि पेड सब्सक्राइबर्स की संख्या 28 लाख थी. वहीं 2022 में Byju's के पास करीब 11 करोड़ रजिस्टर्ड स्टूडेंट और 75 लाख पेड सब्सक्राइबर्स थे.

कोविड के दौरान तेजी से किए गए अधिग्रहण कंपनी के लिए उतनी तेजी से प्रॉफिटेबल साबित नहीं हुए. वित्त वर्ष 2021 में कंपनी का घाटा 4,588 करोड़ रुपये था. CEO बायजू रवींद्रन ने कंपनी के कर्मचारियों को चिट्ठी लिखकर कहा था कि आगे Byju's प्रॉफिटेबल ग्रोथ पर फोकस करेगी. साफ तौर पर ये अधिग्रहण की रणनीति से होने वाली ग्रोथ से अलग बात थी.

लेकिन ऐसा लगता है कि इससे भी बात ज्यादा बनी नहीं और कंपनी कई तरह के विवादों में फंसती गई, जो अब कंपनी के नाम को खराब कर रहे हैं. इन विवादों ने कंपनी के वैल्यूएशन को सांप-सीढ़ी का खेल बना दिया.

27 जून को खबर आई कि Byju's में निवेश करने वाले नीदरलैंड की फर्म Prosus ने कंपनी की वैल्यूएशन $5.14 बिलियन कर दी है. Prosus कंपनी में अहम माइनॉरिटी शेयरहोल्डर है, जो 9.6% हिस्सेदारी होल्ड करता है.

ध्यान देने वाली बात ये है कि ये घटी हुई वैल्यूएशन Byju's के एक साल पहले के $22 बिलियन के वैल्यूएशन का महज एक चौथाई है. आपको बता दें कि Prosus ने Byju's में 2018 से ही $536 मिलियन का निवेश किया हुआ है.

Byju's के एक और अहम निवेशक ब्लैकरॉक ने भी कंपनी में अपनी होल्डिंग के वैल्यूएशन में कटौती की है. कंपनी ने 1 जुलाई, 2022 को Byju's का वैल्यूएशन 24.2 बिलियन डॉलर माना था. लेकिन 29 मार्च, 2023 को इसे डाउनग्रेड करते हुए ब्लैकरॉक ने इस वैल्यूएशन को 11.3 बिलियन डॉलर माना यानी पिछले वैल्यूएशन का आधे से भी कम.

छंटनी का दौर

वैल्यूएशंस कम हुए, फंडिंग का कुआं सूखा, तो गाज गिरी कर्मचारियों पर. जून, 2022 में ले-ऑफ के पहले राउंड में Byju's की अलग-अलग कंपनियों से 500 लोगों को नौकरी से निकाल दिया. कहा गया कि ऐसा बिजनेस प्राथमिकताओं को फिर से सुदृढ़ करने और लॉन्ग टर्म ग्रोथ को मजबूती देने के लिए किया गया है.

अक्टूबर 2022 में Byju's ने 5% स्टाफ की कटौती की घोषणा कर दी. कुल 2,500 लोगों को  नौकरी से निकाल दिया गया.

जून, 2023 में कंपनी ने एक और ले-ऑफ राउंड के तहत 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. इस तरह कंपनी बीते एक साल में 4,000 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाल चुकी है.

कर्जदाताओं से तनातनी

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 के आखिर में अमेरिकी कर्जदाताओं के एक समूह ने Byju's से कर्ज की शर्तों पर बात करते हुए कर्ज के एक हिस्से को तुरंत वापस करने को कहा. 1.2 बिलियन डॉलर का ये कर्ज कंपनी ने दिसंबर, 2021 में लिया था.

समूह का कहना था कि Byju's ने कर्ज की शर्तों का उल्लंघन किया है. इसमें 31 मार्च, 2022 को खत्म हुए साल की फाइलिंग सितंबर, 2022 तक करने का वादा भी शामिल था. समूह ने कहा कि Byju's अपनी अमेरिकी यूनिट के करीब 850 मिलियन डॉलर के रिजर्व से कर्ज का हिस्सा चुकाए.

जनवरी 2023 तक Byju's लेंडर्स के साथ कर्ज की शर्तों को फिर से तय करने के लिए बात कर रही थी. कंपनी ने इसके लिए लेंडर्स से और वक्त भी मांगा. इस दौरान Byju's क्रेडिटर्स और इन्वेस्टर्स को मनाने की पूरी कोशिश कर रही थी.

लेकिन मई आते-आते मामले पर कानूनी पचड़े शुरू हो गए. Byju's की अमेरिकी यूनिट Byju's Alpha को लेंडर्स की एजेंट Glas ट्रस्ट और इन्वेस्टर टिमोथी R, डेलावेयर कोर्ट ले गए.

लेंडर्स ने Byju's पर 500 मिलियन डॉलर छुपाने का आरोप लगाया है और कंपनी की अमेरिकी यूनिट का नियंत्रण मांगा है.

इस बीच जून, 2023 में Byju's ने न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट में लेंडर्स द्वारा 'कर्ज जल्दी चुकाए जाने' की बाध्यता को चुनौती देते हुए मुकदमा दायर कर दिया.

कम ही नहीं होते कंपनी से जुड़े विवाद

अप्रैल, 2023 में ED ने FEMA कानूनों के संभावित उल्लंघन  को लेकर  बेंगलुरु में Byju's के ठिकानों पर छापेमारी की थी. हालांकि, रवींद्रन ने तुरंत ही डैमेज कंट्रोल करते हुए कर्मचारियों को चिट्ठी लिखी कि कंपनी ने सभी कानूनों का पालन किया है.

कंपनी के ऑडिटर डेलॉयट ने 22 जून, 2023 को इस्तीफा दे दिया. कारण बताया गया- पिछले वित्त वर्ष के फाइनेंशियल स्टेटमेंट को रिलीज ना करना. डेलॉयट ने कहा कि इसके चलते वे समय पर ऑडिट शुरू नहीं कर पाए. ऊपर से Byju's से उन्होंने जिन अंडरलाइंग बुक्स, रिकॉर्ड्स और दूसरे दस्तावेजों की मांग की थी, वो भी उपलब्ध नहीं कराए गए.

हालांकि अब Byju's ने साफ किया है कि कंपनी 31 मार्च 2022 को खत्म हुए फाइनेंशियल ईयर की फाइलिंग सितंबर तक करेगी. इतना ही नहीं, कंपनी ने कहा है कि 31 मार्च, 2023 को खत्म होने वाले फाइनेंशियल ईयर की फाइलिंग भी दिसंबर, 2023 तक हो जाएगी.

इसके अलावा कंपनी के बोर्ड में शामिल तीन अहम सदस्यों ने भी इस्तीफा दे दिया और अब कमान घर के ही तीन लोगों के हाथ में बची है. इनमें  Peak XV पार्टनर्स के GV रविशंकर, Prosus के Russell Dreisenstock और Chan Zuckerberg Initiative के Vivian Wu शामिल हैं.

ट्विटर पर नाराजगी

स्कैम, बीमारी, विलेन, मॉन्सटर, जीरो....ये हैं सोशल मीडिया पर लोगों के दिए वो अनचाहे चुनिंदा नाम जो इन दिनों एड-टेक कंपनी Byju's के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं. जिन्होंने कंपनी की बिजनेस प्रैक्टिसेज से लेकर वैल्यूएशंस तक को कठघरे में खड़ा किया है, उनमें आम लोगों से लेकर फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग और एंटरप्रेन्योर्स तक शामिल हैं.

जाने-माने फिल्ममेकर और हालिया रिलीज सीरीज Scoop के डायरेक्टर हंसल मेहता (Hansal Mehta) ने 28 जून को ट्वीट कर कंपनी के तौर-तरीकों पर सवाल उठाए. मामला सीधे उनकी बेटी से जुड़ा हुआ था.

गीतकार-कहानीकार-लेखक नीलेश मिसरा (Neelesh Misra) ने ट्वीट कर कहा कि कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) और WhiteHat Jr. के करन बजाज बच्चों की परवाह नहीं करते. उन्होंने इसे लेकर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'Byju's और WhiteHat Jr, रवींद्रन और करन बजाज आपके बच्चों के साथ ये कर रहे हैं. वो आपके बच्चों की परवाह नहीं करते.

क्यों Byju's का बिखरना एक कंपनी के गर्त में जाने से ज्यादा है?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Byju's ने अलग-अलग निवेशकों से अब तक 41,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं. अगर Byju's डूबती है, तो कई वेंचर फंड्स, एंजेल इन्वेस्टर्स और टेक इन्वेस्टर्स इतना बड़ा झटका सहने को तैयार नहीं हैं.

दूसरी बात, Byju's भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक ड्रीम रन की तरह है. एक सपना, जिसकी उड़ान देखकर न जाने कितने दूसरे स्टार्टअप्स ने टेकऑफ की हिम्मत जुटाई. अगर कंपनी इसी तरह नीचे जाती रही, तो ये स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी खासी खराब खबर साबित होगी. स्टार्टअप्स पहले ही फंडिंग की कमी से जूझ रहे हैं और वो आगे जोखिम उठाने से डरेंगे.

तीसरी बात, अगर स्टार्टअप बड़ा जोखिम लेने को तैयार भी रहेंगे, तो भी निवेशक पहले से ज्यादा सतर्क होंगे और निवेश पाना और भी मुश्किल हो जाएगा.

चौथा, Byju's के गर्त में जाने से उन पेरेंट्स और छात्रों के लिए बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी, जिन्होंने ना केवल Byju's के कोर्सेज खरीदे हैं, बल्कि अपनी तैयारी का बेहद कीमती वक्त भी कंपनी की सर्विस के हवाले किया.

इस अंधी सुरंग के अंत में रोशनी है या ये होगा एंडगेम?

जब सब कुछ इतना काला, अंधेरा भरा नजर आ रहा हो, तो निराशा हावी होने लगती है. लेकिन, ये नहीं भूलना चाहिए कि सुरंग के दूसरे छोर पर रोशनी के कतरे इंतजार कर रहे होते हैं. हो सकता है कि Byju's के केस में भी ऐसा कुछ हो जाए.

सबसे बड़ी बात तो यही कि कंपनी के लिए ये झटके उसे नींद से जगाने के लिए काफी हैं. अगर ऐसा होता है, तो कंपनी का ध्यान अब वैल्यूएशन की दौड़ से इतर, वैल्यू क्रिएट करने पर होना चाहिए. नए अधिग्रहण की बजाय खरीदे गए ब्रैंड्स को प्रॉफिटेबल बनाने पर होना चाहिए.

बायजू रवींद्रन, Byju's को अपने बिजनेस से ज्यादा अपना 'ड्रीम' बताते थे. लेकिन उन्हें सोचना चाहिए कि आज उनकी कंपनी जहां खड़ी है, वहां अगर सुधार के कदम सही जगह पर नहीं पड़े, तो ये कंपनी के एंडगेम की शुरुआत भी हो सकती है. दुखद ये है कि अगर कंपनी डूबती है, तो ये खुद को निवेश के गढ़ के तौर पर विकसित करते भारत की इमेज के लिए बड़ा झटका साबित होगा.

देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी इसमें कम छोटे सबक नहीं छिपे. बेहतर कैश फ्लो से लेकर ऑपरेशंस को कुशलता से चलाने और अंधाधुंध मर्जर-एक्विजिशन के बाहर भी मौके तलाशने जैसे अहम सबक, इससे सीखे जा सकते हैं.

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