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Google ने दिया करोड़ों लोगों का इन्कॉग्निटो मोड डेटा हटाने का प्रस्ताव; अमेरिका में $5 बिलियन के मुकदमे में समझौते की कोशिश

समझौते के प्रस्ताव के मुताबिक, गूगल अगले पांच साल तक थर्ड पार्टीज की ट्रैकिंग रोकने के लिए इन्कॉग्निटो मोड में डिफॉल्ट कुकीज की ब्लॉकिंग करेगा.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी11:04 AM IST, 02 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
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गूगल ने अमेरिका में बड़ी संख्या में यूजर्स के डेटा को डिलीट करने पर सहमति जताई है. दरअसल ये डेटा तब स्टोर किया गया था, जब यूजर्स प्राइवेट इन्कॉग्निटो मोड में ब्रॉउजिंग-सर्चिंग कर रहे थे. अभी गूगल के इस प्रस्ताव पर कोर्ट की मुहर लगना बाकी है.

कोर्ट डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, 'अगर सोमवार को फाइल किए गए प्रस्तावित समझौते पर सैन फ्रांसिस्को फेडरल कोर्ट अनुमति दे देता है, तो गूगल को अरबों की संख्या में डेटा रिकॉर्ड्स को डिलीट करना होगा या उनमें फेरबदल करना होगा. ये डेटा उन लोगों से जुड़ा है, जो क्रोम ब्रॉउजर के इन्कॉग्निटो मोड का इस्तेमाल कर रहे थे.'

सेटलमेंट के तहत गूगल अगले पांच साल तक थर्ड पार्टीज की ट्रैकिंग रोकने के लिए इन्कॉग्निटो मोड में डिफॉल्ट कुकीज की ब्लॉकिंग करेगा.

क्या है विवाद?

दरअसल ये मामला 2020 में कोर्ट में दाखिल किया गया था. मुकदमा दायर करने वाले पक्ष का कहना है कि इन्कॉग्निटो मोड से यूजर्स को ये भ्रम हुआ कि वे जो सर्फिंग कर रहे हैं, गूगल उसकी ट्रैकिंग नहीं कर रहा है. जबकि ऐसा नहीं है.

असल में इन्कॉग्निटो मोड में यूजर्स के पास ब्रॉउजर से तो सीधे डेटा कलेक्शन को बंद करने का ऑप्शन रहता है.

लेकिन मुकदमा दायर करने वाले पक्ष के मुताबिक, इन्कॉग्निटो मोड में भी थर्ड पार्टीज (मतलब दूसरी वेबसाइट, जिन्हें यूजर्स खोलता है) के पास गूगल टूल्स का इस्तेमाल कर कुकीज के जरिए यूजर की जानकारी इकट्ठा करने का विकल्प होता है.

शिकायत में कहा गया कि गूगल ने दूसरों को अपने यूजर्स की जिंदगी की आंतरिक जानकारियों को इस्तेमाल करने की ताकत दी.

सुनवाई के दौरान गूगल के जो इंटरनल ईमेल मिले, उनसे पता चलता है कि इन्कॉग्निटो मोड का इस्तेमाल करने वालों की जानकारी का इस्तेमाल, सर्च और एडवरटाइजिंग कंपनी द्वारा वेब ट्रैफिक को ट्रैक कर विज्ञापन बेचने के लिए किया जा रहा था.

क्या कहता है गूगल?

गूगल का कहना है कि क्रोम ब्रॉउजर से कंपनी ने कभी भी डॉयरेक्ट यूजर्स की जानकारी सेव नहीं की गई.

इस बीच गूगल के प्रवक्ता ने कहा, 'जब यूजर्स इन्कॉग्निटो मोड में डेटा का इस्तेमाल करते हैं, तब हम कभी उस डेटा को यूजर से एसोसिएट नहीं करते. हम खुशी से पुराने टेक्निकल डेटा को डिलीट करने के लिए तैयार हैं, जिसका इस्तेमाल किसी भी तरह के पर्सनलाइजेशन के लिए नहीं किया गया.'

गूगल के समझौते के प्रस्ताव में हर्जाना नहीं

कैलिफोर्नियो में दायर किए गए इस मामले में 5 बिलियन डॉलर के हर्जाने की मांग की गई थी. हालांकि गूगल ने जो समझौते का जो प्रस्ताव दिया है, उसमें हर्जाने के तौर पर कोई राशि नहीं दी जा रही है. लेकिन यहां जिन क्रोम यूजर्स को लगता है कि उनके साथ गलत हुआ है, उनके पास गूगल पर मुकदमा कर पैसे की मांग का विकल्प बना रहेगा.

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