एक 'कंपनी' जिसके भारत में 8 करोड़ मालिक हैं

एक ऐसी कंपनी या यूं कहें एक ऐसा ग्रुप है जिसमें 8 करोड़ लोग मालिक हैं और अपने आप में वो कई छोटे देशों की अर्थव्यवस्था से बड़ा है.
BQP HindiBQ डेस्क
Last Updated On  21 November 2022, 2:46 PMPublished On   18 November 2022, 9:16 PM
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  • इस कंपनी को अकेले 2021 में 1.5 अरब डॉलर की फंडिंग मिली. ये 2020 के मुकाबले पांच गुना ज्यादा है.

  • मेटा ने एलान किया है कि इन कंपनियों के मालिकों की आमदनी बढ़े इसके लिए वो 1 अरब डॉलर का निवेश करेगी.

  • स्नैपचैट इस कंपनी के मालिकों को हर दिन 10 लाख डॉलर देती है.

  • यूट्यूब ने 10 करोड़ डॉलर के निवेश का एलान किया है.

अब आपको शायद थोड़ा अंदाजा हो गया होगा. अब सीधा मुद्दे पर आते हैं. हम बात क्रिएटर इकोनॉमी की कर रहे हैं. भारत में इसकी क्या संभावना है इस पर Kalaari Capital की ताजा रिपोर्ट आई है. इसके मुताबिक देश में इस व्यवस्था से करीब 8 करोड़ लोग जुड़े हैं, लेकिन फिलहाल ठीक-ठाक कमाई करने वाले लोग डेढ़ लाख से ज्यादा नहीं है.

'कंपनी' से जुड़ना बहुत आसान है

इस कंपनी से जुड़ने के लिए एक स्मार्टफोन जरूरी है. इंटरनेट कनेक्शन तो चाहिए ही. और आपको अपने अंदर के कलाकार को पहचानने की जरूरत पड़ेगी. आपके पास तगड़ा वाला कम्युनिकेशन स्किल है, तो वो बोनस है.

गांव से शहर तक, हर किसी की पहुंच में

इस व्यवस्था से जुड़ने वालों में वे तो हैं ही, जिन्हें अलग-अलग तरीके से अच्छी कहानी कहने में महारथ हासिल है. फिर चाहे वो कहानी वीडियो के रूप में हो, लिखकर हो या फिर ऑडियो के जरिए.

प्लेटफॉर्म यूट्यूब हो, इंस्टाग्राम हो या स्नैपचैट. क्रिएटर इकोनॉमी का हिस्सा वे भी हैं, जिनके पास कमाल का हुनर है और वे सीधे कस्टमर तक पहुंच सकें. बिहार के झंझारपुर में रहने वाला कोई फैशन डिजाइनर या मध्य प्रदेश के जबलपुर का कोई लैंप बनाने वाला- वे भी अगर कस्टमर से सीधे जुड़ते हैं तो क्रिएटर इकोनॉमी का हिस्सा हैं.

कंटेंट क्रिएशन में कितने लोगों ने झंडे गाड़ भी दिए हैं इसका नमूना देखिए. यूट्यूब पर 10 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर वाले 1,200 लोग हैं. 1 लाख से ज्यादा वाले 2,500 और 10,000 से ज्यादा सब्सक्राइबर वाले 5,000. बात यहां यूट्यूबर की हो रही है, संस्थाओं की नहीं. माना जाता है कि 10,000 के आंकड़े को पार करने पर ठीक-ठाक कमाई शुरू होती है.

इंस्टाग्राम पर महारथियों की संख्या और भी ज्यादा है. वहां 10 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर वाले 10,000 लोग हैं, 1 लाख से ज्यादा वाले 40,000 और 10,000 से ज्यादा सब्सक्राइबर वाले 90,000 लोग हैं. Kalaari Capital का अनुमान है कि इन महारथियों की औसत मासिक कमाई 16,000 रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक की है.

इन संभावनाओं को देखते हुए तो यही लगता है कि आपका मौका भी आने ही वाला है. आपको तलाश है सही प्लेटफॉर्म की, कमाई करने वाले टूल्स और अपने कारोबार को बढ़ाने के टिप्स की. हमें पता है कि आपमें हुनर की कोई कमी नहीं है.

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