जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) ने इंडियन परफॉर्मिंग राइट्स सोसाइटी (IPRS) के साथ उसके आपसी विवाद को सुलझा लिया है. जी एंटरटेनमेंट ने ये जानकारी दी है.
इसके साथ ही NCLAT के सामने IPRS की ओर से दाखिल इनसॉल्वेंसी की याचिका को भी वापस ले लिया गया है.
'जी और IPRS ने एक दूसरे के साथ इस तरह की शर्तों पर सहमति की है, जिससे उन दोनों के बीच सभी विवादों का निपटारा हो गया है. ZEEL की ओर से रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया गया है कि IPRS उसके खिलाफ दाखिल याचिका को वापस लेने पर सहमत हो गया है .
हालांकि ZEEL ने सहमति की शर्तों को साझा नहीं किया है, लेकिन इतना जरूर बताया है कि ये 'उनके और IPRS द्वारा किए गए सेटलमेंट एग्रीमेंट के मुताबिक ही है. इसमें किसी तरह की कोई पेनल्टी नहीं है और कंपनी की वित्तीय स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ा है.
इस जनवरी की शुरुआत में, IPRS ने 211.41 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट का क्लेम करते हुए ZEEL के खिलाफ इनसॉल्वेंसी ट्रिब्यूनल NCLT का रुख किया. IPRS, जो नॉन-प्रॉफिट संस्था है, जिसमें लेखक, संगीतकार और संगीत म्यूजिक पब्लिशर्स शामिल हैं.
इस संस्था ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) 2016 की धारा 9 के तहत एक आवेदन दायर किया, जिसमें एक ऑपरेशनल क्रेडिटर्स के रूप में 'साहित्य और संगीत' के इस्तेमाल के लिए देय रॉयल्टी की बकाया राशि का दावा किया गया था.
इससे पहले 24 फरवरी को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने ZEEL के खिलाफ शुरू की गई दिवाला कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. ZEEL के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO पुनीत गोयनका की ओर से दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए, एपीटेल ट्रिब्यूनल ने निजी क्षेत्र के बैंक इंडसइंड बैंक और अंतरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए नोटिस जारी किया.
NCLAT का आदेश ZEEL के लिए एक बड़ी राहत थी, जो कि कंपटीटर Culver Max Entertainment के साथ विलय कर रहा है, जिसे पहले Sony Pictures Networks India के नाम से जाना जाता था. कंपनी को शेयरधारकों, लेनदारों, एक्सचेंजों और CCI से जरूरी मंजूरी मिल गई है और NCLT से अंतिम हरी झंडी का इंतजार है