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वर्क फ्रॉम होम बंद करने के बाद कर्मचारियों का किया दूसरे शहरों में जबरन ट्रांसफर, TCS पर लगा आरोप

कंपनी का सनकपन के साथ किया गया ये फैसला कर्मचारियों और उनके परिवार के प्रति बेहद कड़ा और बेरुखा बर्ताव है, जिसमें वे अपने समुदाय और अपनी जड़ों से दूर किए जा रहे हैं
NDTV Profit हिंदीतुषार दीप सिंह
NDTV Profit हिंदी01:29 PM IST, 16 Nov 2023NDTV Profit हिंदी
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'कर्मचारियों से बिना कोई सलाह मशविरा किए TCS ने उनकी वर्क लोकेशंस एक शहर से दूसरे शहर में बदल कर दी, और कंपनी ने ये अनैतिक ट्रांसफर प्रैक्टिस' पूरे स्टाफ के लिए वर्क फ्रॉम होम (WFH) को खत्म कर ऑफिस आना अनिवार्य करने के बाद की है.'

देश की सबसे बड़ी IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) पर ये आरोप लगाया है एक IT कर्मचारी यूनियन (IT Employees Union) ने.

नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉईज सीनेट (NITES) ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) को भेजे एक पत्र में कंपनी पर 'सिस्टमैटिक तरीके' से कर्मचारियों से बिना परामर्श लिए, उनकी वर्क लोकेशंस को एक शहर से दूसरे शहर में शिफ्ट कर दिए जाने का आरोप लगाया गया है.

NITES ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंदर यादव (Bhupender Yadav) को भेजे पत्र में कहा है, 'कंपनी का सनकपन के साथ किया गया ये फैसला कर्मचारियों और उनके परिवार के प्रति बेहद कड़ा और बेरुखा बर्ताव है, जिसमें वे अपने समुदाय और अपनी जड़ों से दूर किए जा रहे हैं'.

BQ Prime ने लेटर की इस कॉपी को देखा है.

NITES ने पत्र में लिखा, TCS ने कर्मचारियों को इस संबंध में ई-मेल भेजे हैं, जिसमें उनका ट्रांसफर मुंबई या दूसरी जगहों में कर दिया गया है. इस ई-मेल में कहा गया है कि ये ट्रांसफर 'बिजनेस की जरूरतों' के लिहाज से बेहद जरूरी है, लेकिन इसमें इससे जुड़ी कोई खास जानकारी नहीं दी गई है.

कर्मचारियों को नई लोकेशन में रिपोर्ट करने के लिए 2 हफ्ते की डेडलाइन दी गई है, और इसमें उन्हें अपना ट्रैवल टिकट भी खुद बुक करना है और अपने रहने का इंतजाम भी करना है, जिसे कंपनी अपनी पॉलिसी के मुताबिक रीइंबर्स करेगी.

NITES के प्रेसिडेंट हरप्रीत सिंह सलूजा ने BQ Prime को बताया, 'हमारा मानना है कि TCS ने जो एक्शन लिया है, वो पूरी तरह से अनैतिक है और श्रम कानूनों का उल्लंघन करता है'. सलूजा आगे कहते हैं, 'कंपनी ने इस ट्रांसफर के पीछे कोई वैध कारण नहीं बताया है, इसके साथ ही कोई अलग हल निकालने के लिए कर्मचारियों को कोई मौका नहीं दिया गया है'.

इस मामले पर TCS की प्रतिक्रिया जानने के लिए एक ई-मेल भी भेजा गया, जिस पर स्टोरी लिखे जाने तक कोई उत्तर नहीं दिया गया है.

आम प्रैक्टिस, शायद ही कोई कार्रवाई हो

अपना नाम न बताने की शर्त पर मामले को जानने वाले एक शख्स ने बताया, TCS के खिलाफ की गई इस शिकायत पर श्रम मंत्रालय शायद ही कोई कार्रवाई करेगा. इस तरह के ट्रांसफर नोटिस चलन में हैं और आम प्रैक्टिस का हिस्सा हैं, खासकर उनके लिए जिन्होंने हाल ही कंपनी ज्वाइन की है- उनकी ट्रेनिंग एक जगह पर होती है और प्रोजेक्ट किसी दूसरी जगह मिलता है.

ये भी TCS की अपनी जरूरतों, प्रोजेक्ट की आवश्यकताओं के आधार पर किया गया है, इसमें कुछ कर्मचारियों की भी अपने ट्रांसफर की इच्छा रही, जिसके आधार पर ये फैसला लिया गया है, शख्स ने आगे बताया.

ट्रांसफर की समस्या

BQ Prime ने एक ई-मेल की कॉपी देखी है. 'TCS कॉन्फिडेंशियल' नाम के हेडर के साथ कैरियर नेक्स्टस्टेप का एक ई-मेल कंपनी के एसोसिएट को मिला. इस ई-मेल में लिखा था, 'आपको सूचित किया जाता है कि आपका ट्रांसफर TCS हैदराबाद-इंडिया ऑफिस से मुंबई ऑफिस किया गया है, जो 10 नवंबर 2023 से प्रभावी है. कंपनी ने ट्रांसफर शुरू कर दिया है.'

इसमें आगे लिखा है, 'ये लेटर मिलने के 2 हफ्ते (14 दिन) के अंदर आप ट्रांसफर की गई लोकेशन पर रिपोर्ट करें'. इस ई-मेल में लिखा है, 'आप अपना ट्रैवल बुक करें और रहने से जुड़े एकोमोडेशन अरेंजमेंट्स पूरे करें, जिसे कंपनी पॉलिसी के तहत रीइंबर्स करेगी. आपको नई लोकेशन में RMG में रिपोर्ट करना है.'

BQ Prime ने इसके साथ ही ट्रांसफर से जुड़े अन्य ई-मेल भी देखे, जिसमें भी इससे मिलती-जुलती ही जानकारी थी.

कंपनी और परेशानियां, चोली दामन का साथ

भारत में IT की ये सबसे बड़ी कंपनी इस साल से ही कई समस्याओं का सामना कर रही है, जिसकी शुरुआत कंपनी के CEO राजेश गोपीनाथन के इस्तीफे से हुई.

वहीं जून में, TCS में तब उथल-पुथल आई, जब कंपनी को घूस के बदले नौकरी से जुड़े कथित स्कैम से रूबरू होना पड़ा. कुछ महीनों बाद अक्टूबर में कंपनी ने एक्शन लेते हुए 16 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त किया और 6 वेंडर्स को ब्लैकलिस्ट कर दिया.

हालांकि, 15 अक्टूबर को एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने किसी तरह के फ्रॉड होने से इनकार किया. TCS ने कहा, 'ये मसला कंपनी के कुछ कर्मचारियों और कुछ वेंडर्स द्वारा कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन से जुड़ा मामला था'. कंपनी ने जोड़ा, 'इसमें बड़े पद पर बैठा कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं पाया गया.'

इसके बाद, ठीक 1 महीने पहले, कंपनी ने महामारी के दौरान फले फूले वर्क फ्रॉम होम को बंद कर दिया और सभी कर्मचारियों के लिए ऑफिस आना अनिवार्य कर दिया.

कंपनी के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर मिलिंद लक्कड़ ने सितंबर तिमाही के नतीजों के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'निश्चित रूप से हम मानते हैं कि कर्मचारियों को ऑफिस आना चाहिए, ताकि नई वर्कफोर्स TCS की बड़ी वर्कफोर्स के साथ इंटीग्रेट किया जा सके.' उन्होंने आगे कहा, 'यही इकलौता तरीका है, जिससे वे TCS के काम करने का तरीका, TCS की वैल्यूज को सीख सकते हैं, समझ सकते हैं और अपना सकते हैं.'

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