2020 में देश में कृषि से जुड़े 3 बिल आए थे. बाद में बिल वापस भी लिए गए. इस पर जमकर बवाल हुआ. देश की राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन हुए. अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने पहली बार मीडिया से इन कानूनों के बारे में बातचीत की है और जो भी वो इसके बारे में सोचते हैं उसे जाहिर किया है.
2020 में आए कृषि कानूनों को लेकर गौतम अदाणी ने कहा, "हमारा कृषि में उतना एक्सपोजर नहीं है. फूड कॉरपोरेशन के लिए कुछ वेयरहाउस जरूर बनाए. हमने सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर दिया. मेरा मानना है कि वो कृषि कानून अच्छे थे. एक नागरिक के तौर पर मुझे वो कानून अच्छे लगे. ये दुर्भाग्य है कि उसे खारिज कर दिया गया."
कृषि बिल पर गौतम अदाणी ने आगे कहा, "देश की 40-50% आबादी डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से कृषि पर आधारित है. अपने देश की इतनी ताकत है कि हम सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया को फूड सप्लाई कर सकते हैं. एग्रीकल्चर की ताकत का फायदा लेने के लिए हमारे पास इंफ्रा की कमी है. हमारे पास ट्रांसपोर्टेशन, कोल्ड स्टोरेज और वेयर हाउसिंग की कमी है. इससे एक तरफ उपभोक्ता को सही सामान नहीं मिल रहा और दूसरी तरफ किसान को आमदनी नहीं मिल रही है. ये कानून अगर लागू हुए होते तो इंफ्रा डेवलपमेंट पर काफी काम किया गया होता"
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर गौतम अदाणी का कहना है, "अदाणी ग्रुप पोर्ट बना रहा है, एयरपोर्ट बना रहा है, सड़कें और पावरहाउस भी बन रहे हैं. ये जो भी डेवलपमेंट का काम किया जा रहा है वो देश की जनता के लिए है. देश को आगे ले जाने के लिए इंफ्रा को बढ़ावा देना काफी जरूरी है"