GQG पार्टनर्स के चेयरमैन राजीव जैन ने अदाणी ग्रुप को लेकर 'द ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल रिव्यू' को दिए साक्षात्कार (Interview) में बड़ी बात कही है. राजीव जैन ने कहा कि अदाणी की संपत्ति बहुमूल्य है और अच्छी कीमतों में उपलब्ध है.
US की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म, GQG पार्टनर्स ने 15,446 करोड़ रुपये में अदाणी ग्रुप की पोर्टफोलियो कंपनियों में हिस्सा खरीदा है.
GQG पार्टनर्स ने अदाणी एंटरप्राइजेज में 3.39%, अदाणी पोर्ट्स में 0.04%,अदाणी ट्रांसमिशन में 2.55% और अदाणी ग्रीन एनर्जी में 3.51% हिस्सा खरीदा है.
शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों में स्टॉक में हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था, जिसकी वजह से ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों को 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ. अदाणी ग्रुप शुरुआत से ही हिंडनबर्क के आरोपों को झूठ और जानबूझकर की गई साजिश बताता रहा है.
इस पूरे मामले पर राजीव जैन ने कहा कि 'उनका अपना नजरिया है, हमारा अपना नजरिया है और हम उनके नजरिए से असहमत हैं, लेकिन यही तो है जो मार्केट बनाता है.'
GQG पार्टनर्स के को-फाउंडर और चेयरमैन राजीव जैन ने कहा, 'भारत का लगभग 25% हवाई यातायात अदाणी के हवाई अड्डों से होकर गुजरता है, और भारत का 25% से 40% कार्गो वॉल्यूम उनके बंदरगाहों से होकर जाता है. सबसे बड़ी कंपटीटर वास्तव में भारत सरकार हैं, जो दौड़ में सबसे तेज दौड़ने वाले घोड़े नहीं हैं.'
US की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म GQG पार्टनर्स ने 15,446 करोड़ रुपये में अदाणी ग्रुप की पोर्टफोलियो कंपनियों में हिस्सा खरीदा है. GQG पार्टनर्स ने अदाणी एंटरप्राइजेज में 3.39%, अदाणी पोर्ट्स में 0.04%,अदाणी ट्रांसमिशन में 2.55% और अदाणी ग्रीन एनर्जी में 3.51% हिस्सा खरीदा.
हमारा मानना है कि इन कंपनियों के लिए लॉन्ग टर्म में ग्रोथ की काफी संभावनाएं हैं, और हम इन कंपनियों में निवेश करके खुश हैं जो भारत की अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी ट्रांजिशन को आगे बढ़ाने में मदद करेंगी.राजीव जैन, चेयरमैन, GQG पार्टनर्स
GQG पार्टनर्स के चेयरमैन राजीव जैन ने कहा कि अदाणी ग्रीन एनर्जी भारत में ग्रीन एनर्जी सेक्टर की अब तक की सबसे तेज और सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की कंपनी है. वे सालाना लगभग तीन गीगावाट रोल आउट कर रहे हैं. इसलिए, मुझे लगता है कि उनके कुछ एसेट्स शानदार है. उन्होंने कहा कि भारत जैसे देशों को ऊर्जा परिवर्तन करने की जरूरत है. इस तरह की कंपनियां इसका अहम हिस्सा होंगी.
जैन ने कहा कि GQG बीते पांच साल से अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर करीब से नजर रख रहा है, लेकिन वैल्युएशन 'नो मैन्स टेरिटरी' में है. हम अधिक काम करते रहे, और जितना अधिक हमने इसे देखा, इस तरह, ये वास्तव में अपने आप में दिलचस्प था.
GQG के चेयरमैन राजीव जैन हिंडनबर्ग के लगाए गए आरोपों को भी खारिज किया है. उन्होंने कहा कि कई सरकारें आईं और गईं. धोखाधड़ी 30 साल तक नहीं चलती है, ये तीन महीने या तीन साल तक तो हो सकती है, लेकिन 30 साल तक नहीं.