सिलिकॉन वैली बैंक संकट ने सिर्फ बैंकों को ही नहीं दूसरे सेक्टर्स को भी अलर्ट मोड पर ला दिया है. एप्पल ने इस अनिश्चतता भरे माहौल में ऑपरेशंस को बेहतर बनाने के लिए लागत में कटौती के साथ साथ अब कुछ कॉर्पोरेट डिवीजन के बोनस को भी टाल रही है, ये जानकारी मामले पर नजर रखने वालों ने दी है.
ब्लूमबर्ग में छपी खबर के मुताबिक- मामले की जानकारी रखने वाले इस शख्स ने बताया है कि एप्पल ने कहा है कि उसके कॉर्पोरेट वर्कफोर्स के कुछ हिस्सों के लिए बोनस में देरी हो सकती है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है क्योंकि अभी ये सार्वजनिक तौर पर नहीं कहा गया है. इसके अलावा कंपनी ने लागत में कटौती के लिए हायरिंग को भी थोड़ा धीमा कर दिया है, कंपनी कम लोगों को नौकरी पर रख रही है, और जो लोग भी कंपनी छोडकर जा रहे हैं, उनकी जगह दूसरे लोगों को नहीं रखा जा रहा है.
हालांकि एप्पल हमेशा से ही बोनस और प्रमोशंस को लेकर काफी पाबंद रहा है, वो डिविजन के हिसाब से साल में एक या दो बार बोनस देती रही है. अप्रैल से अक्टूबर के दौरान, साल में दो बार टीम को खुलकर बोनस दिया जाता रहा है. लेकिन अभी जो प्लान बन रहा है, उसमें अगले महीने तक कोई बोनस या प्रमोशन देखने को नहीं मिलने वाला और सभी डिविजन सालान शेड्यूल पर शिफ्ट हो जाएंगे. यानी अक्टूबर में हो कुछ होगा.
बढ़ती महंगाई और मंदी के डर से दुनिया की सबसे वैल्युएबल कंपनी पिछले साल जुलाई से ही खर्चों में कटौती की शुरुआत कर चुकी है. हालांकि एप्पल में अच्छी बात ये है कि कंपनी ने बड़े पैमाने पर छंटनियां नहीं की हैं, जैसा कि दूसरे आईटी कंपनियों में बीते एक साल में देखने को मिला है. एप्पल ने इसकी जगह अपना बजट कम किया और नई हायरिंग पर रोक लगा दी.
हालांकि कर्मचारियों को अब भी भरोसा है कि उन्हें अपना पूरा बोनस दो की बजाय एक किस्त में मिलने की उम्मीद है. फिर भी कोई भी बदलाव कर्मचारियों के लिए एक झटका हो सकता है, क्योंकि कुछ मामलों में एप्पल पहले से कोई नोटिस नहीं देती है. कर्मचारियों को इसके बारे में पता नहीं होता, और वो अपने खर्चे इन्हीं बोनस के भरोसे तैयार करके बैठे होते हैं.
अगर एप्पल ये फैसला लेती है तो इसका असर इंजीनियर्स औकर दूसरे नॉन-मैनेजर्स पर पड़ेगा, साथ ही मिड लेवल मैनेजर्स भी इसके दायरे में आएंगे, लेकिन सीनियर कर्मचारियों जो कि डायरेक्टर लेवल पर हैं या इसके ऊपर पद पर है, उन पर ये फैसला लागू नहीं होगा. हालांकि इस पर अभी कंपनी की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है.
एप्पल की बिक्री में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. जिससे कंपनी को अपना बिजनेस चलाए रखने में दबाव महसूस हो रहा है. हॉलिडे समर में कंपनी का रेवेन्यू 5% गिर गया, जो कि अनुमान से कहीं ज्यादा बड़ी गिरावट थी. इसके अलावा आईफोन के प्रोडक्शन में कमी और Mac और स्मार्टवॉच जैसे प्रोडक्ट्स की डिमांड में तेज गिरावट देखने को मिली. हालात अब भी बेहतर नहीं लग रहे हैं, आने वाले समय में बिक्री में और गिरावट का अनुमान है.
हालांकि एक बात जरूर कही जा सकती है कि एप्पल के कर्मचारी सिलिकॉन वैली की दूसरी बड़ी कंपनियों जैसे मेटा, गूगल के मुकाबले बेहतर स्थिति में हैं. जहां बड़े पैमाने पर छंटनियों का दौर चल रहा है, जो रुकने का नाम नहीं ले रहा.