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RBL बैंक ने 800 करोड़ के बैड लोन 97% डिस्काउंट पर बेच डाले, खरीदा किसने?

क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट पर बड़ी चूक के बाद RBL बैंक ने 800 करोड़ के बैड लोन बेचने का फैसला लिया ताकि बैंक अपने कोर बिजनेस पर फोकस कर सके.
NDTV Profit हिंदीविश्वनाथ नायर
NDTV Profit हिंदी03:45 PM IST, 03 Jan 2024NDTV Profit हिंदी
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प्राइवेट लेंडर RBL बैंक ने अपने लोन बुक की सेहत सुधारने की कोशिश में करीब 800 करोड़ के बैड लोन (Bad Loan) बेच डाले हैं. मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों के मुताबिक, ये लेनदेन ग्रॉस बुक वैल्‍यू से 97-98% के डिस्‍काउंट पर हुई है. यानी बैंक को कर्ज में से सिर्फ 2-3% ही वापस मिला है.

जानकारों में से एक ने बताया, 'बेचे गए पोर्टफोलियो में 'क्रेडिट कार्ड लोन' शामिल थे, जो दो साल से अधिक समय से डिफॉल्‍ट पड़े थे. इनमें से अधिकतर लोन उन अकाउंट्स से बट्टे खाते में डाले गए (Write Off किए गए) जहां RBL बैंक ने पूरा प्रावधान किया था. ये कोविड काल के बैड लोन थे, जहां RBL बैंक ने क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो पर बड़ी चूक की.'

कोटक महिंद्रा बैंक को बेचे गए बैड लोन?

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोटक महिंद्रा बैंक ने RBL बैंक से ये एसेट खरीदे हैं. NDTV Profit अपनी ओर से खरीदार के नाम की पुष्टि नहीं कर रहा. इस बारे में RBL बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने खबर लिखे जाने तक ईमेल में भेजे गए NDTV Profit के सवालों का जवाब नहीं दिया है.

इस सौदे के बाद बुधवार को RBL बैंक का शेयर डेढ़ परसेंट चढ़कर 285.50 रुपये/शेयर पर बंद हुआ.

NPA कम करने पर जोर!

जानकारों में से दूसरे व्यक्ति ने कहा, 'ये ट्रांजैक्‍शन, RBL बैंक को अपने रिटेल लोन पोर्टफोलियो को साफ करने और मैनेजमेंट बैंडविथ को फ्री करने में मदद करेगा ताकि बैंक अपने कोर बैंकिंग बिजनेस पर फोकस कर सके. उन्‍होंने कहा कि ऐसी सेलिंग रेगुलर बिजनेस का हिस्‍सा है.

30 सितंबर तक, RBL बैंक ग्रॉस NPA 2,441 करोड़ रुपये था, जो Q-o-Q बेसिस पर 1.5% ज्‍यादा था. वहीं नॉन-व्‍होलसेल बैड लोन 1,328 करोड़ रुपये था. क्रेडिट कार्ड पर लिए गए बैड लोन की हिस्‍सेदारी 443 करोड़ रुपये है, जो रिटेल बैड लोन का एक तिहाई (1/3) है.

लगातार सावधान कर रहा RBI

800 करोड़ के बैड लोन को 97-98% डिस्‍काउंट पर बेचे जाने की खबर ऐसे समय में सामने आई है, जब रिजर्व बैंक (RBI) बैंकों और NBFCs को असुरक्षित लोन बांटे जाने को लेकर लगातार सावधान कर रहा है. नवंबर में, RBI ने फाइनेंशियल सर्विस इंडस्‍ट्री में बैलेंस शीट को मजबूत करने के लिए बैंक और नॉन-बैंक लेंडर्स की ओर से दिए गए लोन पर रिस्‍क वेटेज बढ़ा दिया था.

नवंबर तक, बकाया क्रेडिट कार्ड लोन 2.45 लाख करोड़ रुपये था, जो साल-दर-साल 34% ज्‍यादा था. इसकी तुलना में, सिस्टम के लिए नॉन-फूड क्रेडिट एक साल पहले से 21% बढ़कर 155.8 लाख करोड़ रुपये हो गया.

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