भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने अनक्लेम्ड डिपॉजिट को लौटाने से जुड़े अभियान की शुरुआत की है. अनक्लेम्ड डिपॉजिट यानी बैंकों में जमा वो रकम, जिसे किसी व्यक्ति ने क्लेम नहीं किया है. केंद्रीय बैंक ने इस कैंपेन का नाम ‘100 डेज 100 पेज’ (100 Days 100 Pays) रखा है. कैंपेन के तहत, हर बैंक 100 दिनों के अंदर देश के हर जिले में टॉप 100 अनक्लेम्ड डिपॉजिट को खोजेगा और उसका सेटलमेंट करेगा.
RBI देश के बैंकिंग सिस्टम में अनक्लेम्ड डिपॉजिट की मात्रा को घटाने के लिए कई कदम उठा रहा है. ये कदम भी उसी सिलसिले की एक कड़ी है. सभी बैंक, 1 जून 2023 से कैंपेन की शुरुआत करेंगे.
आपको बता दें कि मैच्योरिटी के 10 साल बाद तक पैसे का कोई वारिस नहीं है, तो वो राशि अनक्लेम्ड मानी जाती है और फिर अलग खाते में चली जाती है. केंद्रीय बैंक 10 साल से ज्यादा समय तक अनक्लेम्ड रहने वाले इसी तरह के डिपॉजिट लौटाने की मुहिम शुरू करने जा रही है.
6 अप्रैल को RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा के दौरान, अनक्लेम्ड डिपॉजिट के लिए एक सेंट्रलाइज्ड वेब पोर्टल बनाने की बात भी कही थी
सरकारी बैंकों में करीब 35,000 करोड़ रुपये की रकम ऐसी है जिस पर किसी ने अपना दावा नहीं किया है, इसलिए सरकारी बैंकों ने इस पैसे को रिजर्व बैंक को ट्रांसफर कर दिया है. ये जानकारी संसद में सोमवार को सरकार की ओर से दी गई है. किस बैंक में कितना पैसा लावारिस पड़ा था, एक नजर इस पर डाल लीजिए. भारतीय स्टेट बैंक 8,086 करोड़ रुपये के लावारिस जमा के चार्ट में सबसे ऊपर है, इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक में 5,340 करोड़ रुपये, केनरा बैंक में 4,558 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा में 3,904 करोड़ रुपये हैं.