अमेरिका में सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) के दिवालिया होने और सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) के डूबने की खबर ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है.
ऐसे में रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि भारत और एशिया पैसिफिक के अधिकांश रेटेड वित्तीय संस्थानों पर स्ट्रक्चरल फैक्टर के कारण सीमित प्रभाव पड़ने की संभावना है.
रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि अधिकांश एशिया पैसिफिक देशों के बैंकों का अमेरिका के इन बंद हुए बैंकों में काफी कम एक्सपोजर है, सिर्फ कुछ मुट्ठी भर बैंकों का ही एक्सपोजर है. इसके अलावा, एशिया पैसिफिक वित्तीय संस्थान बहुत ज्यादा कर्ज में नहीं हैं जैसा कि सिलिकॉन वैली बैंक था.
हालांकि, मूडीज ने कहा कि अमेरिकी बैंक कैसे डूबा और इसके डूबने के पीछे क्या कारण रहे और इसे और नजदीक से देखा जा रहा है.
मूडीज ने कहा कि APAC में बैंकों के पास स्ट्रक्चरल रूप से स्टेबल फंडिंग और पर्याप्त पैसा है. वे ज्यादातर कस्टमर फंडेड होते हैं, जबकि उनका बाजार उधार औसतन उनकी कुल संपत्ति का लगभग 16% है.
इसके साथ ही, लिक्विडिटी कवरेज रेश्यो (LCR) की जरूरतों के कारण, बैंकों के पास पर्याप्त मात्रा में HQLA यानी 'हाई क्वालिटी लिक्विडिटी असेट्स' होते हैं. ताकि जब पैसे की कमी हो तो उससे निपटा जा सके.
भारतीय बैंकों का औसत LCR मार्च 2022 के अंत में 133% था, जिसे कम करके आंका गया है.
रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा कि पिछले एक दशक में भारतीय बैंकों को सॉल्वेंसी की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन उनकी फंडिंग और लिक्विडिटी मजबूत बनी हुई है जिसकी वजह से भारत की ओवरआल क्रेडिट मजबूत बनी हुई है.