ब्याज दरों में बदलाव का फैसला मेरे हाथ में नहीं था, क्योंकि मैं खुद जमीनी हालातों के प्रभाव में था. ये कहना है रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास (RBI Governor Shaktikanta Das) का. इंडस्ट्री चेंबर CII के एक इवेंट में उन्होंने कहा कि मैं हालातों के मुताबिक ही फैसले लेता हूं.
अप्रैल में रिजर्व बैंक ने अचानक ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी को रोक दिया था और पॉलिसी रेट्स को 6.5% पर ही बरकरार रखने का फैसला किया था. लेकिन इसके पहले पिछले साल मई से रिजर्व बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाने का जो सिलसिला शुरू किया वो लगातार 11 महीने तक चलता रहा, इस दौरान रेपो रेट में 250 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी हुई. इस इवेंट में गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा 'हमें सुझाव दिया गया है कि अगली मॉनिटरी पॉलिसी रिजर्व बैंक को पॉलिसी रेट में 'पॉज' लेना चाहिए.'
इस पर शक्तिकांता दास ने कहा कि ये मेरे हाथों में नहीं हैं. ये सबकुछ जमीनी हालात पर निर्भर करता है. जिस प्रकार के हालात होते हैं, मैं वैसा ही करता हूं. जमीन पर आउटलुक कैसा है? महंगाई कैसी चल रही है, ये सबकुछ देखना होता है. गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि रिटेल महंगाई में कमी आई है, लेकिन अभी इतना खुश होने की कोई जगह नहीं है.
उन्होंने कहा कि 'हमें सतर्क रहना होगा, खुश होने की कोई वजह नहीं है. विशेष रूप से हमें यह देखना होगा कि अल नीनो फैक्टर, जिसका अनुमान लगाया गया था, कैसे काम करता है.'
अप्रैल में रिटेल महंगाई दर 4.7% रही थी, शक्तिकांता दास के मुताबिक अगली बार महंगाई दर इसके भी नीचे रहने की उम्मीद है.
गवर्नर दास ने कहा कि 'मुझे लगता है कि पीछे मुड़कर देखने पर मैं कह सकता हूं कि हम तब विवेकपूर्ण थे, जब हमने एक अचानक ही बैठक में दरों में बढ़ोतरी करने का फैसला किया था, और हम अब भी विवेकपूर्ण हैं, जब हमने इन पर रोक लगाने का फैसला किया है.'