नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने सोमवार को गो फर्स्ट (Go First) को अपनी इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक बार फिर 60 दिनों का वक्त (Extension) दिया है. इससे पहले भी एयरलाइन को 2 बार मोहलत मिल चुकी है.
NCLT ने जो हालिया विस्तार दिया, वो एस्सार स्टील मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले पर आधारित था, जिसमें असाधारण परिस्थितियों में विस्तार की अनुमति दी गई थी.
ट्रिब्यूनल ने कहा कि रेजॉल्यूशन योजनाएं विचाराधीन थीं और निष्कर्ष के करीब थीं. NCLT ने SC के फैसले का हवाला देते हुए विस्तार को उचित ठहराया.
लेसर्स के विरोध के बावजूद NCLT, गो फर्स्ट की मांग पर सहमत हो गया और एयरलाइन को 60 दिनों का एक्सटेंशन दे दिया.
अधिकतम 330 दिनों की मोहलत!
इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड, इस कार्यवाही को 180 दिनों के भीतर पूरा करने का आदेश देती है, जिसे 270 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है. हालांकि, सारे विस्तार और कानूनी कार्यवाहियों को मिलाकर इस प्रक्रिया को 330 दिनों के भीतर समाप्त किया जाना चाहिए.
वित्तीय चुनौतियों के बावजूद मिला समय
एयरलाइन की वित्तीय चुनौतियों के बावजूद, इसे सभी कानूनी रूप से कई जरूरी विस्तार मिले हैं.
6 नवंबर को, NCLT ने 4 फरवरी की समय सीमा के साथ 90 दिनों के विस्तार को मंजूरी दी थी.
फिर तत्कालीन परिस्थितियों और बोली लगाने वालों (Bidders) की रुचि के कारण, ट्रिब्यूनल ने इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया को अतिरिक्त 60 दिनों के लिए बढ़ा दिया, जो 5 अप्रैल को खत्म हुई है.
और अब एक बार फिर NCLT ने गो फर्स्ट एयरलाइन को 60 दिनों का विस्तार दिया है.
सैफ्रिक और स्काई वन सहित संभावित बिडर्स ने इंसॉल्वेंसी कार्यवाही के दौरान गो फर्स्ट का अधिग्रहण करने में इंटरेस्ट दिखाया है. साथ ही स्पाइसजेट भी ऑल्टरनेटिव बिडर के रूप में रुचि दिखा रही है.