इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले सावधान, दिल की बीमारी से मौत का खतरा! इस स्‍टडी पर क्‍यों उठ रहे सवाल?

शिकागो में हुए अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) की लाइफस्टाइल साइंटिफिक सेशन में इस रिसर्च का एब्‍सट्रैक्‍ट प्रस्‍तुत किया गया.

Source: Canva

दुनिया में मोटापा झेल रहे लोगों की संख्‍या 100 करोड़ के पार पहुंच गई है. इनमें करोड़ों लोग मोटापे से परेशान भी हैं और वजन कम करने के लिए अलग-अलग तरीके भी अपना रहे हैं. डाइटिंग, योग और जिम में पसीना बहाने से लेकर स्‍पेशल ड्रिंक और स्लिम बेल्‍ट यूज करने तक, मोटापे से निजात के लिए काफी कुछ करना पड़ रहा.

मोटापा कम करने का एक और पॉपुलर चलन है- 'इंटरमिटेंट फास्टिंग' का, जिसको लेकर एक अमेरिकी रिसर्च स्‍टडी (US Research Study) में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं.

रिसर्च स्‍टडी की मानें तो इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वालों में हार्ट डिजीज यानी दिल की बीमारी से मौत का खतरा 91% तक बढ़ जाता है.

अमेरिका के शिकागो में संपन्न हुए अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) की लाइफस्टाइल साइंटिफिक सेशन में इस रिसर्च का एब्‍सट्रैक्‍ट प्रस्‍तुत किया गया. और इसी के साथ ये स्‍टडी विवादों में आ गई.

क्‍या होती है इंटरमिटेंट फास्टिंग?

इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब होता है कि एक निश्चित अवधि तक भूखे रहना और बाकी की निश्चित अवधि में भोजन करना. इसका जो तरीका सबसे ज्‍यादा चलन में है, वो है- 16/8.

इसमें दिन के 24 घंटे में से 8 घंटे के दौरान आप सामान्‍य भोजन कर सकते हैं, जबकि बाकी 16 घंटे फास्टिंग की जाती है. फास्टिंग के दौरान केवल चाय, पानी, शर्बत वगैरह लिया जा सकता है.

कैसे की गई रिसर्च स्‍टडी?

ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, शंघाई जिओ टोंग यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के विक्टर जोंग की अगुवाई में ये शोध हुआ है. रिसर्चर्स ने US-CDC यानी अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीजी कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के हेल्‍थ सर्वे में शामिल करीब 20 हजार लोगों के डेटा का एनालिसिस किया. इनमें आधे पुरुष और आधी महिलाएं शामिल थीं. लोगों की औसत उम्र 48 वर्ष थी. स्‍टडी में 2003 से 2019 के बीच हुई मौतों के आंकड़ों का भी एनालिसिस किया गया.

Also Read: AI सर्विस से सस्ता है इंसानों को काम पर रखना; MIT रिसर्च में खुलासा- फिलहाल नौकरियों पर ज्यादा खतरा नहीं

ताजा रिसर्च में क्‍या सामने आया?

स्‍टडी के एब्‍सट्रैक्‍ट के मुताबिक, इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले 91% लोगों में दिल की बीमारी से मौत का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि ये स्‍पष्‍ट नहीं है कि जिन लोगों के डेटा का एनालिसिस किया गया, उन लोगों ने कितने समय तक इंटरमिटेंट फास्टिंग की. झोंग का दावा है कि स्‍टडी में 8 घंटे वाले इंटरमिटेंट फास्टिंग और हार्ट रिलेटेड डेथ रेट के बीच सीधा संबंध दिखा.

क्‍यों उठ रहे सवाल?

इंटरमिटेंट फास्टिंग केवल 8/16 घंटे वाला नहीं होता. इसके और भी तरीके होते हैं. जैसे 5/2 वाले तरीके में हफ्ते के 5 दिन सामान्‍य भोजन, जबकि 2 दिन इंटरमिटेंट फास्टिंग की जाती है. एक और तरीका अल्टरनेट डे फास्टिंग का भी होता है.

दूसरी अहम बात कि जिन मरीजों के डेटा का एनालिसिस किया गया, उनमें से कितने लोगों ने कितने दिनों तक और किन तरीकों से इंटरमिटेंट फास्टिंग की, ये स्‍पष्‍ट नहीं है.

एब्‍सट्रैक्‍ट सामने आने के बाद कुछ डॉक्‍टर्स ने इस पर सवाल भी उठाए हैं. उनका कहना है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के अलावा हार्ट डिजीज से मौत के अन्‍य कारण भी हो सकते हैं.

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एमिरेट्स प्रोफेसर कीथ फ्रेन का कहना है कि इस पर लॉन्‍ग-टर्म स्‍टडी की जरूरत है. फिलहाल केवल एब्‍सट्रैक्‍ट प्रस्‍तुत किया गया है. पूरी स्‍टडी सामने नहीं आई है.

जरूर पढ़ें
1 घाटकोपर होर्डिंग हादसे के मामले में ब्लेम गेम शुरू, BMC का दावा- GRP ने दी थी होर्डिंग लगाने की इजाजत
2 मुंबई घाटकोपर हादसा: आंधी में गिरे होर्डिंग के नीचे दबकर 8 की मौत, डिप्‍टी CM ने दिए जांच के आदेश
3 Akshay Tritiya 2024: नया सोना है प्रॉपर्टी; अक्षय तृतीया पर बढ़ी डिमांड, रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की मांग में जोरदार उछाल
4 UPI की लगी ऐसी आदत कि 74% लोगों के बढ़ गए खर्चे, रिसर्च स्‍टडी ने चौंकाया! क्‍या आपके साथ भी ऐसा है?