अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रा को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस (Delhi Airport Metro Express Private Ltd.) को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) की ओर से दी गई पूरी रकम को लौटाने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने DMRC की ओर से दाखिल क्यूरेटिव याचिका को मंजूरी दे दी है.
DMRC ने दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस (DAMEPL) को लगभग 8,000 करोड़ रुपये के भुगतान की मांग करते हुए, मध्यस्थ फैसले को चुनौती दी थी.
क्या है ये विवाद
इस मामले में विवाद एक कंसेशन एग्रीमेंट की वजह से पैदा हुआ. जो कि साल 2008 में दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन को बनाने, उसको संचालन, और रखरखाव के लिए रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की DAMEPL और DMRC के बीच किया गया था.
साल 2012 में दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो की ओर से इस एग्रीमेंट को खत्म कर दिया गया था, क्योंकि ये दावा किया गया था कि उसकी तरफ से बताई गए कुछ कमियों को DMRC की ओर से ठीक नहीं किया गया था.
2017 में, एक आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल ने माना था कि चार साल पहले दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन परियोजना के लिए अपने कंसेशन एग्रीमेंट को खत्म करने का कंपनी का फैसला बिल्कुल वैध था, और इस केस में इसने ब्याज के साथ 2,950 करोड़ रुपये की रकम भी जीती थी.
रकम बढ़कर 8,000 करोड़ रुपये पहुंची
इसके बाद, दोनों ही कई मुकदमों से गुजरे और साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर इस रकम को अंतिम रूप दिया गया. ब्याज समेत मध्यस्थता की रकम पिछले साल बढ़कर लगभग 8,000 करोड़ रुपये हो गई थी. अब तक, शुद्ध वसूली योग्य राशि 4,700 करोड़ रुपये से ज्यादा की है.
कंपनी पर कोई बोझ नहीं: रिलायंस इंफ्रा
DMRC और DAMEPL मामले पर सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली मेट्रो की क्यूरेटिव याचिका को मंजूरी मिलने के बाद रिलायंस इंफ्रा ने कहा कि फैसला दिल्ली मेट्रो के पक्ष में जाने से कंपनी पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा. कंपनी को DMRC या DAMEPL से आर्बिट्रल अवॉर्ड के तहत कोई पैसा नहीं मिला है.