RBI की 90वीं सालगिरह पर हुए कार्यक्रम RBI@90 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और RBI गवर्नर शक्तिकांता दास समेत कई अहम लोगों ने हिस्सा लिया.
इस मौके पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि RBI का अपने समकक्ष वैश्विक केंद्रीय बैंकों में अहम स्थान है. उन्होंने कहा, 'RBI की इंस्टीट्यूशनल इंटीग्रिटी की जोरदार तारीफ की जानी चाहिए.'
कोविड के दौरान RBI की भूमिका की तारीफ
उन्होंने कोविड के दौरान RBI की भूमिका की भी तारीफ की. सीतारमण ने RBI के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए कहा, 'सेंट्रल बैंक ने वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए पारंपरिक और गैर-पारंपरिक तरीकों के मिश्रण का इस्तेमाल किया है, यहां तक कि कोविड-19 के दौरान भी ये स्थिरता बरकरार रखी गई.'
निर्मला सीतारमण ने कहा कि 'महंगाई की 'non-transient' प्रवृत्ति को सबसे पहले पहचानने वालों में RBI शामिल था. ये पहचान तब की गई, जब कई अर्थव्यवस्थाओं को इस समस्या ने जकड़ लिया था.
उन्होंने कहा, 'क्वालिटी एसेट मैनेजमेंट और प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन फ्रेमवर्क को बनाने की दिशा में सरकार और RBI के बीच समग्र प्रयास बेहद सफल रहे हैं.'
सीतारमण के मुताबिक, 'RBI की निगरानी में रुपये की अस्थिरता कम प्रदर्शित हुई है. साथ ही G-Sec मार्केट्स में स्थिरता से भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेशकों का विश्वास बढ़ा है.'
क्या बोले गवर्नर दास?
वहीं गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि RBI का विकास भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास से बेहद नजदीक से जुड़ा रहा है.
उन्होंने कहा, 'एक ऐसे सेंट्रल बैंक की भूमिका, जो प्लानिंग पीरियड में महज संसाधनों के बंटवारे तक सीमित थी, आज इससे आगे बढ़कर RBI मार्केट इकनॉमी को सुचारू ढंग से चलाने वाली भूमिका में आ गया है.'
दास ने अपने भाषण के दौरान 2016 में IBC कोड को लागू किए जाने और फ्लेक्सिबल इंफ्लेशन टारगेटिंग का भी जिक्र किया, जिससे सेंट्रल बैंक को फाइनेंशियल सिस्टम में ज्यादा प्रभावी ढंग से प्राइस स्टेबिलिटी बनाए रखने में मदद मिली.'
इसके साथ ही गवर्नर ने कहा कि RBI लगातार दुनिया के तमाम फाइनेंशियल सेक्टर में हो रहे तकनीकी, इनोवेशन, बिजनेस प्रैक्टिस से जुड़े बदलावों पर नजर रखता है.